हरियाणा: पेपरलैस रजिस्ट्री ने बढ़ाई लोगों क परेशानी

हरियाणा सरकार ने लगता है जल्दबाजी में पेपरलैस रजिस्ट्रियों का सिस्टम शुरू कर दिया है। यही वजह है कि जिस बहादुरगढ़ में रोजाना करीबन 100 डाॅक्यूमेंट रजिस्टर होते थे वहां पिछले 6 दिनों में केवल दो डाॅक्यूमेंट ही रजिस्टर हुए हैं। दरअसल पोर्टल पर डाॅक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन के ऑप्शनमें काफी खामियां हैं। हरियाणा स्टेट डाॅक्यूमेंट राईटर्स एसोसिएशन ने पूरी व्यवस्था में 21 खामियां गिना दी है। इन 21 खामियों में सुधार के लिए एसोसिएशन ने राजस्व विभाग को पत्र भी लिख दिया है।
एसोसिएशन के मीडिया सचिव श्रीभगवान जांगड़ा ने बताया कि पेपरलैस रजिस्ट्री में आवेदन के बाद सुधार का कोई आॅप्शन नही है। कुछ कमी होने पर सीधा रिजेक्ट किया जाता है जिसके कारण दोबारा आवेदन पर दोबारा से 503 रूप्ए की फीस देनी पड़ती हैं । मतलब जितनी आवेदन के एसैप्ट होने पर तक जितनी बार वो आवेदन होगा उतनी बार फीस भरनी पड़ेगी। उन्होनंे बताया कि एचएसवीपी, हाउसिंग बोर्ड, एचएसआईआईडीसी और लाईसेंसी काॅलोनियों में खसरा नम्बर मांगे जा रहे हैं जबकि उनमें ऐसी कोई व्यवस्था नही होती है। इसके अलावा राजस्व रिकाॅर्ड और आधार कार्ड में नाम और उपनाम में अंतर भी बड़ी समस्या बना रहा है। इसी तरह से 21 खामियंा गिनाई गई हैं जिनमें सुधार की मांग की गई है।
पेपरलैस रजिस्ट्री में वसीका नवीसों के साथ वकीलो ने भी कई कमियां बताई हैं। एडवोकेट सुनील ने बताया कि अब तक रिकाॅर्ड जो आॅनलाईन किया गया है वो प्रोपर नही है। नगर परिषद का डाटा और राजस्व विभाग का डाटा भी मिसमैच है। सरकारी के सैक्टरों में खसरा नम्बर की कोई व्यवस्था अलाॅटमेंट में नही होती लेकिन पेपरलैस में आवेदन के लिए खसरा नम्बर जरूरी है बिना उसके आवेदन नही हो रहे। उन्होंने कहा कि जब प्रौफेशनल को दिक्कतें आ रही हैं तो आम नागरिक कैसे घर बैठकर आॅनलाईन आवेदन कर पाएगा।
उधर तहसीलदार सुदेश ने बताया कि नई व्यवस्था है जिसके कारण थोड़ी दिक्कतें आती है लेकिन वक्त के साथ सब सही हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पेपरलैस में केवल दो ही आॅप्शन है एसैप्ट और रिजेक्ट। रिवर्ट का कोई ऑप्शन नही है। आवेदक को कमियों को दुरूस्त कर दोबारा आवेदन करना होगा। उन्होंने बताया कि कमियों के संदर्भ में विभाग को सूचित किया जा रहा है।
फिलहाल हालात पेपरलैस रजिस्ट्री के बेहद खराब है। ये केवल बहादुरगढ़ का मामला नही है बल्कि पूरे प्रदेश में ही ऐसे हालात है। ऐसे में सरकार से मांग हो रही है कि जब तक पेपरलैस की खामियों दुरूस्त नही होती तब तक पुरानी व्यवस्था को भी साथ साथ जारी रखना चाहिए ताकि लोगों की दिक्कतें खत्म हो और सरकार को भी राजस्व की हानि ना हो।





