‘हम किसी खान को मुंबई का मेयर नहीं बनने देंगे’, जोहरान ममदानी की जीत पर भाजपा का तंज

न्यूयॉर्क सिटी के पहले मुस्लिम और भारतीय-अमेरिकी मेयर जोहरान ममदानी की जीत का असर मुंबई की राजनीति तक पहुंच गया है। मुंबई भाजपा अध्यक्ष अमीत साटम ने इसे ‘वोट जिहाद’ बताते हुए कहा कि मुंबई में भी तुष्टिकरण की राजनीति लाने की कोशिश हो रही है, जिसे भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी।
अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में 34 वर्षीय जोहरान ममदानी ने जीत दर्ज कर ली है। इस जीत के साथ वे न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम और पहले भारतीय-अमेरिकी मेयर होंगे। ऐसे में अब उनकी जीत को लेकर भारत में भी बयानाजी तेजी होती दिख रही है। कारण है कि जोहरान ममदानी की ऐतिहासिक जीत अब मुंबई की राजनीति में भी चर्चा का विषय बन गई है। जहां मुंबई भाजपा अध्यक्ष और अंधेरी पश्चिम से विधायक अमीत साटम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि हम किसी खान को मुंबई का मेयर नहीं बनने देंगे।
साटम ने इसे ‘वोट जिहाद’ करार दिया और आरोप लगाया कि न्यूयॉर्क की तरह मुंबई में भी तुष्टिकरण की राजनीति लाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सत्ता में बने रहने के लिए तुष्टीकरण की राह अपना रहे हैं। हमें मुंबई को ऐसी ताकतों से बचाना होगा जो समाज को बांटने की कोशिश करती हैं।
ममदानी को बताया देशविरोधी
इस दौरान साटम ने कहा कि वे धार्मिक सद्भाव में विश्वास रखते हैं, लेकिन अगर कोई देशविरोधी सोच से समाज को बांटने की कोशिश करेगा, तो भाजपा उसका विरोध करेगी। बता दें कि ममदानी, भारतीय फिल्ममेकर मीरा नायर और भारतीय मूल के विद्वान मह्मूद ममदानी के बेटे हैं।
उन्होंने न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा को हराकर यह जीत हासिल की। उनकी जीत को प्रगतिशील राजनीति की वापसी माना जा रहा है, जिसमें मुफ्त चाइल्डकेयर, किराया नियंत्रण और मुफ्त बस सेवा जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। हालांकि, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में दक्षिणपंथी समूह इसे ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ की बहस के रूप में देख रहे हैं।
ऐसे में मुंबई में भी आने वाले बीएमसी चुनावों में यही मुद्दा गूंजने की संभावना है। मनसे और शिवसेना पहले ही ‘मराठी बनाम बाहरी’ राजनीति के लिए जानी जाती रही हैं, और अब भाजपा नेता साटम के बयान से साफ है कि पार्टी भी इसी रणनीति को आगे बढ़ा सकती है। साटम ने साफ-साफ कहा कि हम मुंबई के विकास और एकता के लिए प्रतिबद्ध हैं। शहर में वंदे मातरम कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और हर नागरिक को इसे गर्व से कहना चाहिए। मुंबई की सांस्कृतिक पहचान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।





