स्वच्छता सर्वेक्षण का आया रिजल्ट, यूपी सर्वाधिक अवार्ड वाला बना प्रदेश

भारत सरकार द्वारा हर साल की भांति एस साल भी अखिल भारतीय स्तर पर कराए गए  स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में यूपी राज्य की 19 निकायों नें विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान पाने वाले निकायों में अपना स्थान बनाया है। स्वच्छता सर्वेक्षण का परिणाम कोविड-19 के कारण बहुप्रतीक्षित था और पुरस्कृत किए जाने वाले नगरों की सूची को अब आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा घोषित कर दिया गया है।

इस बार सभी शहरों की स्वच्छता रैंकिंग सुधरी है। वर्ष 2018 में वाराणसी 29वें, गाजियाबाद 36वें, झांसी 60वें, कानपुर 65वें, आगरा 102 वें और लखनऊ 115 वें स्थान पर रहा था। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में यूपी देश में सर्वाधिक पुरस्कार पाने वाला राज्य है। प्रदेश की 19 नगर निकायों को जिनमें दो कैंट क्षेत्रों को यह सम्मान मिला। इसमें शीर्ष 12 अवार्डो में दो यूपी को मिले हैं। वर्चुल कार्यक्रम के माध्यम से गुरुवार को पुरस्कार दिया गया।

केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी विभिन्न संस्थाओं, स्वच्छताकर्मी और लाभार्थियों के साथ कचरे का पुनरूपयोग कर आय अर्जित करने वाले स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधियों के ऑनलाइन बातचीत की। जिसमें फिरोजाबाद नगर में काम कर रहे स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधियों से भी वार्ता हुई। देश के चुने हुए 12 शहरों को पुरस्कृत किया गया और उक्त कैटेगरी में राज्य के दो नगर निगमों वाराणसी व शाहजहांपुर के महापौर तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ राज्य स्तर पर उपरोक्त पुरस्कार समारोह में नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, नगर विकास के पूर्व प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह और मौजूदा प्रमुख सचिव दीपक कुमार आदि थे।

इन्हें मिला सम्मान

लखनऊ, फिरोजाबाद, कन्नौज, चुनार, गंगाघाट, आवागढ़, मेरठ कैंट, गजरौला, मुरादनगर, स्याना, पलियाकलां, मल्लावां, बरूआसागर, बकेवर, बलदेव, अछलदा और मथुरा कैंट—स्वच्छता में यूपी की बेहतर प्रगतिस्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता में यूपी ने बेहतर प्रगति की है। वर्ष 2018 में यूपी तीन निकाय और वर्ष 2019 में 14 निकायों को यह सम्मान मिलना था। इस वर्ष 2020 के सर्वेक्षण परिणाम में यह संख्या बढ़ कर 19 हो गई है।

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