सिक्किम में छिपा खूबसूरती का खजाना, कम बजट में ऐसे बनाएं घूमने का प्लान

सिक्किम की यात्रा प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शानदार अनुभव है। गंगटोक से शुरू होकर, त्सोंगमो झील और बाबा मंदिर के दर्शन करें। नाथुला पास की ऊंचाइयों को छूकर, लाचुंग की सुंदरता में खो जाएं। युमथांग घाटी और जीरो प्वाइंट के नज़ारे अद्भुत हैं। यह यात्रा आपके मन को शांति और आत्मा को नई ऊर्जा से भर देगी।
अगर आप प्रकृति की गोद में सुकून के कुछ पल बिताना चाहते हैं और पहाड़ों पर जाना चाहते है, तो सिक्किम की यात्रा आपके लिए एक मैजिकल एक्सपीरियंस साबित हो सकती है। यहां की ठंडी हवाएं, बर्फ से ढके पहाड़, रंग-बिरंगे मठ और शांत झीलें मन को सुकून और आत्मा को एक नई सी एनर्जी से भर देती हैं।
इस आर्टिकल में ये बताया गया है कि कैसे आप 6 दिनों में सिक्किम की खूबसूरती को करीब से महसूस कर सकते हैं, वो भी बिना किसी झंझट या बोझ के, तो आइए जानते हैं इनके बारे में-
दिन 1- गंगटोक से करें शुरुआत
सफर की शुरुआत गंगटोक से करें। यहां पहुंचते ही पहाड़ों की ताजी हवा और साफ-सुथरी सड़कों का मजा लें। शहर का दिल कहा जाने वाला एमजी रोड शाम की घूमने के लिए सबसे बढ़िया जगह है। पास के मोनेस्ट्री, हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम और लोकल कैफे में वक्त बिताकर स्थानीय रंग में रंगना एक अच्छा एक्सपीरियंस देता है।
दिन 2- त्सोंगमो झील और बाबा मंदिर की जर्नी
सुबह जल्दी उठकर त्सोंगमो झील की ओर निकलें। झील का शांत, नीला पानी और उसके चारों ओर बर्फीली चोटियां दिल छू लेने वाला नजारा पेश करते हैं। इसके बाद बाबा हरभजन सिंह मंदिर जाएं, जो साहस और श्रद्धा का प्रतीक है।
दिन 3- नाथुला पास
नाथुला पास की ऊंचाई तक पहुंचना एक अलग ही एहसास देता है। यहां खड़े होकर जब आप दूर तक फैली बर्फीली वादियों को निहारते हैं, तो दुनिया जैसे कुछ देर के लिए थम जाती है। आपका ये एक्सपीरियंस आपको जीवनभर याद रहेगा।
दिन 4- लाचुंग की ओर निकलें
अब गंगटोक से लाचुंग की ओर निकलें। रास्ते भर पहाड़ों से गिरते झरने, बादलों से ढंके रास्ते और चारों ओर हरियाली मन मोह लेते हैं। लाचुंग एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत गांव है, जहां आप पहाड़ों में खूब एंजॉय कर सकते हैं।
दिन 5- युमथांग वैली और जीरो प्वाइंट का जादू
सुबह की ठंडी हवा में युमथांग वैली की सैर करें। रंग-बिरंगे फूलों की घाटी और बर्फ से ढकी जमीनें किसी स्वप्नलोक जैसी लगती हैं। अगर मौसम आपके फेवर में हो, तो जीरो प्वाइंट तक जरूर जाएं, जहां प्रकृति अपनी सबसे सुंदर अवस्था में नजर आती है।
दिन 6- वापसी से पहले आखिरी झलक
लाचुंग से वापस गंगटोक लौटें और जाते-जाते कुछ लोकल स्मृतियां साथ ले जाना ना भूलें,जो आपकी यात्रा को हमेशा खास बनाएंगी।





