नब्बे के दशक के युवाओं को प्यार की परिभाषा सिखाने वाली काजोल आज 43 साल की हो गई हैं। काजोल की एक्टिंग तो उनको दूसरी हीरोइनें से अलग करती ही है, एक और चीज उनको दूसरी हीरोइनों के मुकाबले खास बनाती है और ये है उनकी खूबसबरती।
बॉलीवुड में एक बहुत पुरानी सोच है कि हीरोइन का करियर 5-7 साल का होता है। कोई हीरोइन बहुत चली तो 10 साल। कहा जाता है कि हीरोइन अपनी एक्टिंग से कम और खूबसूरती से ज्यादा चलती है और इसीलिए 30 की हुई तो बस फिल्में मिलना बंद और शादी के बाद तो फिल्म के बारे में सोचना भी मत।
काजोल ने अपनी जिंदगी में खूबसबरती की नई परिभाषा बनाई है। जब काजोल 1992 में सिनेमा के पर्दे पर पहली बार नजर आईं तो कुछ मैगजीन ने यहां तक लिखा कि उनको मौका सिर्फ इसलिए मिला क्योंकि वो तनुजा की बेटी हैं और एक बड़े फिल्मी खानदान से आती हैं। 1993 में उनकी ‘बाजीगर’ आई और 1995 में ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ और ‘करन-अर्जुन’।
‘बाजीगर’, ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ और ‘करन-अर्जुन’ जैसी फिल्मों ने काजोल को स्टार बना दिया। सांवली सी काजोल दर्शकों की चहेती बन गई। 90 के दशक के आखिर में जब उनका करियर अपने उरूज पर था, तभी उनको अजय देवगन से प्यार हो गया। दोनों ने फैसला कर लिया वो शादी करेंगे।
1999 में काजोल ने अजय देवगन से शादी कर ली। 1998 में काजोल को ‘कुछ कुछ होता है’ के लिए बेस्ट एकट्रैस का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। 1998 में हीं ‘प्यार तो होना ही था’ और ‘दुशमन’ के लिए उनको फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रैस का नोमिनेशन मिला। 1999 में उन्हें ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रैस का नोमिनेशन मिला। ऐसे में कईयों को काजोल का करियर के पीक पर शादी करने का फैसला चौंका गया।