सब हुए खिलाफ, फिर भी मोदी सरकार के साथ आए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

नई दिल्ली। भारत की गिरती अर्थव्यवस्था पर भले ही विपक्ष मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करता रहा है, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में पूर्व राष्ट्रपति का समर्थन मिल गया है। दरअसल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आर्थिक मंदी (जीडीपी) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा है कि गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता करने की बात नहीं है। देश में कुछ चीजें हो रही है, जिसका जीडीपी पर असर दिख रहा है। प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सरकारी बैंकों में पूंजी डालने की जरुरत है और इसमे कुछ गलत नहीं है। उन्होने यह बात भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों में बैंकों में पूंजी डालना कोई गलत नहीं है। 2008 में आर्थिक संकट गहराया था। तब भारतीय बैंकों में मजबूती दिखाई थी। प्रणव मुखर्जी उस दौरान में वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने किसी भी बैंक ने पूंजी के लिए संपर्क नहीं किया।
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान देश की जीडीपी बढ़त के अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। इसके पहले आरबीआई ने अक्टूबर महीने में नीतिगत समीक्षा में यह अनुमान जाहिर किया था कि वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी बढ़त 6.1 फीसदी हो सकती है।
लेकिन अब रिजर्व बैंक ने कहा है कि जोखिम पर संतुलन बनने के बावजूद जीडीपी ग्रोथ अनुमान से कम रह सकती है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6 साल के निचले स्तर 4.5 फीसदी तक पहुंच गई थी।