सचिन पायलट को एक और मौका देने के लिए कांग्रेस तैयार, राहुल गांधी ने निर्देश दिया…
सचिन पायलट पर बीजेपी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाने के बावजूद कांग्रेस ने अब भी उनके और अन्य बागी विधायकों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं और उन्हें वापसी का एक और मौका दिया जा सकता है। कांग्रेस के सूत्रों ने एएनआई को बताया है कि इसकी वजह है राहुल गांधी है और उन्होंने बागियों के प्रति नरम रुख अपनाने को कहा है। राहुल ने पार्टी के नेताओं को निर्देश दिया है कि वह पायलट को पार्टी में लौटने का एक मौका और दें।
जयपुर में कांग्रेस के एक राष्ट्रीय नेता के अनुसार, सचिन पायलट के लिए पार्टी के दरवाजे अभी भी खुले हैं क्योंकि राहुल गांधी ने निर्देश दिया है कि सभी उकसावे के बावजूद उन्हें एक और मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि पायलट को परिवार में शामिल होने का एक और मौका दिया जाना चाहिए।
सूत्रों ने एएनआई को बताया कि कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेहद करीबी अहमद पटेल राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री के संपर्क में हैं और उनसे बात कर रहे हैं। पहले यह माना जाता था कि पायलट के विद्रोह पर राहुल ने सख्त रुख अपनाया था। हालांकि नए अपडेट्स के अनुसार, राहुल गांधी सचिन की सम्मानजनक वापसी का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी का निर्देश बुधवार दोपहर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान के बाद आया है, जिसमें गहलोत ने सीधे तौर पर पायलट पर बीजेपी के साथ सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था और कहा था कि उनके पास इसके पुख्ता सबूत मौजूद हैं। इस बयान के तुरंत बाद राहुल गांधी ने जयपुर में मौजूद राष्ट्रीय नेताओं को निर्देश दिया कि पायलट को वापस लौटने का मौका दिया जाए। जिसके बाद, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया के माध्यम से अपील की कि सचिन पायलट को अपने सभी विधायकों के साथ जयपुर लौटना चाहिए। राजस्थान एनएसयूआई के अध्यक्ष जो पायलट के करीबी थे और उन्हें भी हटा दिया गया था, लेकिन राहुल गांधी के निर्देश पर उन्हें भी एक और मौका दिया गया है।
कांग्रेस ने पहले जयपुर में दो बार विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसका सचिन पायलट खेमे के विधायकों ने बहिष्कार किया था। इसके कारण पायलट को उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद से हटा दिया गया था। इसके बाद उनके समर्थकों के साथ-साथ राज्य युवा कांग्रेस के प्रमुख, सेवा दल के प्रमुख और बागी विधायक के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।