‘शांति समझौते से पहले किसी देश की फौज घुसी तो तबाही तय’, यूक्रेन पर पुतिन का सख्त रुख

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को साफ चेतावनी दी कि अगर किसी भी विदेशी सैनिक को शांति समझौते से पहले यूक्रेन में तैनात किया जाता है, तो उन्हें रूस की सेना ‘वैध निशाना’ मानेगी। पुतिन ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन के लिए संभावित शांति मिशन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

व्लादिवोस्तोक में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में पुतिन ने कहा कि अगर यूक्रेन में कोई सैनिक आता है, खासकर अभी जब लड़ाई जारी है, तो हम मानेंगे कि वे वैध निशाने हैं। उन्होंने शांति बलों की तैनाती के विचार को खारिज करते हुए कहा कि रूस किसी भी अंतिम शांति समझौते का पालन करेगा, लेकिन फिलहाल लड़ाई के बीच विदेशी सैनिकों की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

फ्रांस के राष्ट्रपति का प्रस्ताव
पुतिन की यह प्रतिक्रिया फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 26 देशों ने सैनिक भेजने की प्रतिबद्धता जताई है। पेरिस में 35 देशों के गठबंधन की बैठक के बाद मैक्रों ने कहा कि ये सैनिक किसी भी युद्धविराम या शांति समझौते के बाद ‘रिअश्योरेंस फोर्स’ के तौर पर तैनात होंगे।

रूस की असहमति
रूस बार-बार कह चुका है कि नाटो या किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय शांति बल की यूक्रेन में मौजूदगी अस्वीकार्य है। पुतिन ने जोर देकर कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों की सुरक्षा गारंटी जरूरी हैं। उन्होंने इशारा किया कि शांति समझौते के बाद भी रूस अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की चूक नहीं करेगा।

रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर हमला किया था। इससे पहले 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था। अब तक यह संघर्ष साढ़े तीन साल से जारी है और हजारों लोगों की जान जा चुकी है। रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।

पुतिन का यह बयान संकेत देता है कि रूस यूक्रेन में किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति को सीधे चुनौती देगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि शांति समझौते के बाद रूस उसका पालन करेगा। लेकिन जब तक युद्ध जारी है, किसी भी बाहरी ताकत का दखल रूस को सीधे युद्ध विस्तार की ओर धकेल सकता है। यह स्थिति यूरोप और पूरी दुनिया के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।

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