शरद पूर्णिमा के दिन बन रहे कई मंगलकारी योग

06 अक्टूबर 2025 के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन कई शुभ-अशुभ योग भी बन रहे हैं।
आज यानी 06 अक्टूबर को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस तिथि पर शरद पूर्णिमा का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है और पवित्र नदी में स्न्नान एवं दान करने का भी विशेष महत्व है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन इन कामों को करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन कई शुभ-अशुभ योग भी बन रहे है। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।
तिथि: शुक्ल चतुर्दशी
मास पूर्णिमांत: अश्विन
दिन: सोमवार
संवत्: 2082
तिथि: चतुर्दशी दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक
योग: वृद्धि दोपहर 01 बजकर 14 मिनट तक
करण: वणिज दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक
करण: विष्टि रात्रि 10 बजकर 53 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 17 मिनट पर
सूर्यास्त: सायं 06 बजकर 01 मिनट पर
चंद्रमा का उदय: सायं 05 बजकर 27 मिनट पर
चन्द्रास्त: 07 अक्टूबर को प्रातः 06 बजकर 14 मिनट पर
सूर्य राशि: कन्या
चंद्र राशि: मीन
पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11 बजकर 45 मिनट से प्रातः 12 बजकर 32 मिनट तक
अमृत काल: 07 अक्टूबर को रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से रात्रि 01 बजकर 07 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
राहुकाल: प्रातः 07 बजकर 45 मिनट से प्रातः 09 बजकर 13 मिनट तक
गुलिकाल: दोपहर 01 बजकर 37 मिनट से दोपहर 03 बजकर 05 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 10 बजकर 41 मिनट से प्रातः 12 बजकर 09 बजे तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में रहेंगे…
उत्तर भाद्रपद- 07 अक्टूबर को प्रातः 04 बजकर 01 मिनट
सामान्य विशेषताएं: एकांतप्रिय, स्वतंत्र स्वभाव, तर्कशील, सुंदरता, आक्रामकता, ईर्ष्या, करुणामयी आत्मा, कूटनीतिक और दयालु
नक्षत्र स्वामी: शनि देव
राशि स्वामी: बृहस्पति देव
देवता: अहीर बुधनिया (जल ड्रैगन)
प्रतीक: शव वाहन (शव ले जाने वाला वाहन)