वो जगह जहां खौलता हुआ पानी भी चंद सेकेंड में बन जाता है बर्फ

यह गांव ‘पोल ऑफ कोल्ड’ के नाम से जाना जाता है। यहां का हाल यह है कि अगर आप उबलता हुआ पानी लेकर हवा में फेंक दें तो वो झट से बर्फ के कणों में बदल जाता है। इस असर को वैज्ञानिक भाषा में मपेम्बा इफेक्ट कहा जाता है।

सोचिए, सुबह उठते ही बाथरूम जाना है और बाहर का तापमान माइनस 71 डिग्री सेल्सियस है। इतनी ठंड कि सांस भी जम जाए। ऐसे में नहाना तो दूर, पानी को देख कर ही शरीर कांप जाए। लेकिन दुनिया में एक जगह ऐसी है, जहां लोग इसी हालात में रहते हैं। रूस के साइबेरिया का ओयम्याकोन गांव। इसे दुनिया का सबसे ठंडा आबाद इलाका कहा जाता है और वहां की जिंदगी सच में किसी फिल्मी सर्वाइवल मिशन से कम नहीं लगती। तो सोचिए कि यहां लोग कैसे नहाते होंगे। आइए जानते हैं।

खौलता पानी भी बन जाता है बर्फ

यह गांव ‘पोल ऑफ कोल्ड’ के नाम से जाना जाता है। यहां का हाल यह है कि अगर आप उबलता हुआ पानी लेकर हवा में फेंक दें तो वो झट से बर्फ के कणों में बदल जाता है। इस असर को वैज्ञानिक भाषा में मपेम्बा इफेक्ट कहा जाता है। यानी यहां का तापमान इतना कम है कि गर्म चीजें भी पलभर में ठंडी होकर जम जाती हैं। अब जरा सोचिए, इस जगह पर नहाने की हिम्मत कौन करेगा?

रोज नहीं नहाते हैं लोग

असल में ओयम्याकोन के लोग रोज नहीं नहाते। वहां नहाने के लिए खास दिन तय होते हैं, क्योंकि इतनी ठंड में नहाना आसान नहीं होता। यहां नहाना एक आदत नहीं, बल्कि किसी बड़े इवेंट की तरह होता है। इतनी ठंड में पानी डालना तो छोड़िए, साबुन भी शरीर पर लगाते ही जम जाता है। इसलिए वहां के लोग एक खास तरीके से नहाते हैं, जिसे ‘बान्या’ कहा जाता है।

खास तरीके से नहाते हैं लोग

बान्या लकड़ी से बना एक पारंपरिक बाथ हाउस होता है, कुछ-कुछ हमारे देश के पुराने हमाम जैसा। इसमें सुबह से ही लोग लकड़ी इकट्ठा करते हैं और उसे जलाकर अंदर गर्माहट लाते हैं। एक स्थानीय महिला क्युन बी ने अपने यूट्यूब वीडियो में बताया कि बान्या तैयार करने में पूरा दिन लग जाता है। घंटों तक आग जलाने के बाद जब अंदर का तापमान 80 से 100 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है, तब जाकर लोग नहाने की तैयारी करते हैं।

रखनी पड़ती है सावधानी

बान्या के अंदर का माहौल बेहद गर्म और भाप से भरा होता है। लोग वहां जाकर अपने शरीर को गर्म करते हैं और फिर धीरे-धीरे पानी डालकर नहाते हैं। लेकिन असली मुश्किल तब होती है जब वे बाहर निकलते हैं क्योंकि बाहर का तापमान माइनस 71 डिग्री सेल्सियस होता है। अंदर उबलती भाप और बाहर बर्फीली हवा शरीर को झटका न लगे, इसके लिए बहुत सावधानी रखनी पड़ती है। क्युन बी बताती हैं कि बान्या से बाहर निकलने से पहले लोग अपने शरीर पर तेल या क्रीम लगाते हैं। इससे उनकी त्वचा फटने से बचती है क्योंकि इतनी ठंड में नमी पलभर में गायब हो जाती है। कई लोग नहाने के बाद कुछ देर तक बान्या के पास ही रहते हैं ताकि शरीर का तापमान धीरे-धीरे नॉर्मल हो जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button