वॉशिंगटन में गोलीबारी की घटना, USCIS ने रोकी अफगान नागरिकों की आव्रजन से जुड़ी प्रक्रिया

अमेरिकी की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार दोपहर व्हाइट हाउस के पास गोलीबारी की बड़ी घटना सामने आई, जिसमें दो नेशनल गार्ड सैनिकों को गोली मार दी गई। वेस्ट वर्जीनिया के गवर्नर पैट्रिक मॉरिसी ने कहा कि दोनों सैनिक की मौत हो गई है, हालांकि फिलहाल स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन में हुई गोलीबारी की घटना का ठीकरा पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के शासनकाल पर फोड़ा है। गौरतलब है कि वॉशिंगटन में बुधवार को हुए हमले में अमेरिकी नेशनल गार्ड के दो जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इसे लेकर ट्रंप ने अपने प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट किया और फिर अपने फ्लोरिडा स्थित आवास पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
इस बीच अमेरिका की नागरिकता और आव्रजन सेवा से जुड़ी एजेंसी- यूएससीआईएस ने कहा कि वॉशिंगटन में गोलीबारी की घटना के बाद तुरंत प्रभाव से, अफगान नागरिकों से जुड़े सभी आव्रजन अनुरोधों की प्रक्रिया सुरक्षा और निगरानी प्रोटोकॉल के आगे की समीक्षा पूरी होने तक अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई है। हमारे देश और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा हमारा एकमात्र फोकस और मिशन है।
प्रेस वार्ता में क्या बोले ट्रंप?
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस वार्ता में कहा, “ट्रंप ने कहा कि दोनों घायल सैनिक वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड से हैं और पूरे राष्ट्र की संवेदनाएं उनके और उनके परिवारों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि देश शोक और दर्द से भरा है, लेकिन साथ ही धर्मोचित क्रोध और दृढ़ संकल्प के साथ खड़ा है।
राष्ट्रपति ने हमले के आरोपी को बेहद सख्त सजा दिलाने का संकल्प जताते हुए कहा कि यह हमला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे को उजागर करता है। उन्होंने दावा किया कि होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने गिरफ्त में लिए गए संदिग्ध की पहचान कर ली है और वह अफगानिस्तान से आया एक विदेशी नागरिक है। उन्होंने इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन को घेरा और कहा कि इस अफगान नागरिक को बाइडन प्रशासन सितंबर 2021 में उन उड़ानों के जरिए अमेरिका लाया था, जिन पर हर कोई बात कर रहा था।”
ट्रंप ने कहा कि उसकी (संदिग्ध की) आव्रजन वैधता को राष्ट्रपति बाइडन ने कानून पारित कर के बढ़ाया था। उन्होंने बाइडन प्रशासन को अमेरिकी इतिहास का सबसे खराब प्रशासन बताते हुए कहा कि पिछली सरकार ने दुनिया भर से आए 2 करोड़ अज्ञात और असत्यापित विदेशियों को देश में प्रवेश की इजाजत दे दी।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से आए सभी प्रवासियों की पुनर्समीक्षा की जानी चाहिए। ट्रंप ने कहा कि ऐसे किसी भी विदेशी नागरिक को देश से हटाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए जो इस देश को नहीं हो सकता या देश को कोई फायदा नहीं देता।” उन्होंने कहा कि अगर वे हमारे देश से प्रेम नहीं कर सकते, तो हमें उनकी जरूरत नहीं है।” राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अमेरिका आतंक के सामने कभी नहीं झुकेगा। उन्होंने राजधानी की सुरक्षा के लिए युद्ध विभाग (Department of War) को 500 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती का निर्देश दिया है।”
वॉशिंगटन में क्या घटना हुई, अब तक क्या-क्या सामने आया?
अमेरिकी की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार दोपहर व्हाइट हाउस के पास गोलीबारी की बड़ी घटना सामने आई, जिसमें दो नेशनल गार्ड सैनिकों को गोली मार दी गई। वेस्ट वर्जीनिया के गवर्नर पैट्रिक मॉरिसी ने कहा कि दोनों सैनिक की मौत हो गई है, हालांकि फिलहाल स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। बताया गया है कि दोनों ही गार्ड्स गंभीर रूप से जख्मी हैं और उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। दूसरी तरफ इस मामले में पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया।
यह घटना 17वीं स्ट्रीट और एच स्ट्रीट के पास हुई, जो व्हाइट हाउस से सिर्फ दो ब्लॉक दूर है। घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस बल, फायर विभाग और आपातकालीन टीमें पहुंचीं। यूएस सीक्रेट सर्विस, एटीएफ एजेंसी और नेशनल गार्ड के जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर दी। एक हेलीकॉप्टर ने भी नेशनल मॉल पर लैंड किया।
स्थानीय मीडिया समूहों ने दावा किया है कि हमलावर एक अफगान नागरिक है, जिसे 2021 में अमेरिका और गठबंधन फौज के अफगानिस्तान छोड़ने के दौरान अमेरिका लाया गया था। उसकी पहचान 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लकनवाल के तौर पर की गई है। अल कायदा और तालिबान के खिलाफ अमेरिकी सेना की मदद करने वाले कई अफगान नागरिकों को अमेरिका में बसाने की यह योजना बाइडन के शासनकाल के दौरान लाई गई थी।
राष्ट्रपति ट्रंप शहर में मौजूद नहीं थे
घटना के समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वेस्ट पाम बीच स्थित अपने गोल्फ कोर्स पर थे। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने बताया व्हाइट हाउस इस दुखद घटना पर नजर रखे हुए है। राष्ट्रपति को ब्रीफ किया गया है।
बता दें कि राजधानी में बीते महीनों से हजारों नेशनल गार्ड सदस्य तैनात हैं। अगस्त में राष्ट्रपति की आपातकालीन घोषणा के बाद स्थानीय पुलिस को संघीय नियंत्रण में लाया गया था और आठ राज्यों से नेशनल गार्ड सैनिक बुलाए गए थे। घटना की जांच जारी है और अधिकारियों ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है।





