वॉशिंगटन में खालिस्तान समर्थकों की बैठक, भारत विरोधी साजिश की आशंका

अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डीसी के नेशनल मॉल में 4 अक्तूबर को सामान्य दिनों की तुलना में बहुत कुछ असामान्य हो रहा था, जिसका रोजमर्रा के कामों के लिए वहां आने जाने वालों को अहसास तक नहीं था। मॉल की तीसरी मंजिल पर एक हॉल में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से खालिस्तानी चरमपंथियों ने खुफिया बैठक की और आगामी महीनों में भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची। आशंका है कि यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से आतंकी वारदात की साजिशें हो सकती हैं।

खालिस्तानी चरमपंथियों ने इस बैठक का नाम मानवीय सहायता बैठक रखा था। बैठक में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन से खालिस्तान समर्थक जुटे और चरमपंथ के समर्थन में सहायता जुटाने की योजनाएं बनाईं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक, वाशिंगटन में अलग-अलग देशों से 78 चरमपंथी शामिल हुए। इनमें से कुछ ऐसे लोग भी थे जो बीते कुछ समय पहले ही पंजाब से विभिन्न देशों में लौटे थे। इस बैठक में यह भी तय हुआ कि अगले कुछ महीने तक यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, यूके और उत्तरी अमेरिका के अलग-अलग हिस्सों से भारत के खिलाफ बड़ी साजिश भी रची जाएंगी। इसे लेकर केंद्रीय खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

अमिताभ बच्चन व दलजीत दोसांझ को निशाने पर
प्रतिबंधित संगठनों की ओर से कनाडा में एक 24 मिनट का वीडियो भी वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में अमिताभ बच्चन और पंजाबी सिंगर दलजीत दोसांझ को भी निशाने पर लिया गया है। खालिस्तानी चरमपंथियों ने अमिताभ बच्चन के पैर छूने पर दलजीत दोसांझ के ऑस्ट्रेलिया में होने वाले शो को लेकर धमकी दी है। दरअसल आतंकी संगठनों और प्रतिबंधित खालिस्तानी चरमपंथियों ने 1984 के नारे खून का बदला खून का समर्थन देने के लिए अमिताभ बच्चन को निशाने पर लिया है।

23 को नहीं कर सके बड़ी रैली
वाशिंगटन में 5 घंटे चली बैठक में यह भी तय हुआ कि आगामी दिनों में उत्तरी अमेरिका व यूरोप में खालिस्तानी जनमत संग्रह अभियान चलाए जाएं। इसके लिए जमीनी और डिजिटल अभियान का पूरा खाका भी तैयार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इसमें सभी खालिस्तानी चरमपंथियों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने 23 अक्तूबर को भी कनाडा के ओटावा स्थित भारतीय दूतावास के बाहर रैली की योजना बनाई, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के चलते इसका बड़े स्तर पर आयोजन नहीं हुआ।

31 अक्तूबर को बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी…
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तान समर्थकों ने उन सिखों से भी सहानुभूति लेने के लिए एक नई योजना तैयार की है जो की खालिस्तान की विचारधारा से ताल्लुक नहीं रखते हैं। इसके लिए चरमपंथियों ने उन सिख परिवारों को वित्तीय मदद देने की मांग उठाई, जो किसी न किसी वजह से मदद की दरकार रखते हैं। सूत्रों के मुताबिक, वित्तीय मदद का मसौदा खालिस्तानी चरमपंथियों और प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की ओर से वाशिंगटन की इस बैठक में पास कर दिया गया है। इस बैठक में 31 अक्तूबर यानी भारत की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की बरसी पर भी बड़े विरोध और बड़ी साजिशों को रचने की पूरी रणनीति तैयार की गई है। इस दिन कनाडा के वैंकूवर में भारतीय दूतावास के बाहर बड़े विरोध प्रदर्शन समेत आक्रोश रैली की योजना है।

खालिस्तानी विचारधारा वालों का विशेष सूचना ग्रुप
शुक्रवार को अपनी चरमपंथी गतिविधियों के तहत खालिस्तान समर्थकों ने अपनी विचारधारा से मेल खाने वालों को कनाडा के वैंकूवर में इकट्ठा करने के लिए एक विशेष सूचना का ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप को कुछ प्रतिबंधित और आतंकी संगठन पंजाब में भी प्रसारित किया जा रहा है। आगामी दिनों में यूरोपीय देशों समेत कई देशों से भारत विरोधी साजिशों की मुहिम छेड़ी जाएगी। योजना में पंजाब से उनके आंदोलन को हवा देने वालों की सूची भी तैयार की गई है।

पांच माह में 11 बार चरमपंथी योजनाएं बनाईं
बीते 5 महीने में भारत के खिलाफ साजिश करने के लिए खालिस्तानी चरमपंथियों ने 11 बार बड़ी योजनाएं तैयार की। इसमें चार बार कनाडा, 5 बार अमेरिका, एक बार लंदन और एक बार ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में खालिस्तानी चरमपंथियों को अलग-अलग तरह से आंदोलन करने और लोगों को गुमराह करने के लिए माहौल बनाया गया।

कई मंसूबे नाकाम किए
केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े रहे एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि बीते कुछ वर्षों से अमेरिका की जमीन भी खालिस्तानी चरमपंथियों के लिए बहुत मुफीद हो गई है। पिछले साल भी खालिस्तानी चरमपंथियों और कुछ आतंकी संगठनों के आकाओं का बड़ा सम्मेलन इसी वाशिंगटन में हुआ था। हालांकि उनका कहना है कि हमारी खुफिया एजेंसी खालिस्तानी चरमपंथियों और आतंकी संगठनों के मंसूबों को हर स्तर पर नाकाम करती हैं।

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