विशाल सैन्य परेड और सबसे शक्तिशाली हथियारों का जखीरा

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने पार्टी की 80वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया। इस दौरान विशाल सैन्य पैरेड की गई, जिसमें उत्तर कोरिया शासक ने हथियारों का प्रदर्शन किया। जिनमें नई पीढ़ी की सामरिक मिसाइलों और उन्नत हथियार प्रणालियों को दिखाया।
उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन के नेतृत्व में सत्तारूढ़ दल ने अपनी स्थापना का 80वां वर्षगांठ का जश्न मनाया। किम जोंग और विदेशी नेताओं की मौजूदगी में आयोजित विशाल सैन्य परेड में उत्तर कोरिया ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया। इस दौरान किम जोंग ने अपनी परमाणु-सशस्त्र सेना के सबसे शक्तिशाली हथियारों का प्रदर्शन किया, जिसमें एक नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) भी शामिल है। जिसका परीक्षण वह आने वाले हफ्तों में करने की तैयारी कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार रात बारिश में शुरू हुई और सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित परेड ने किम की बढ़ती कूटनीतिक पकड़ और एक ऐसा शस्त्रागार बनाने के प्रयास को उजागर किया, जो अमेरिका और एशिया में उनके प्रतिद्वंद्वियों को प्रभावी ढंग से निशाना बना सके।
सैन्य परेड में हथियारों का जखीरा
उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने बताया कि परेड में ह्वासोंग-20 नामक एक नई, अभी तक परीक्षण ना की गई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का प्रदर्शन किया गया, जिसे “सबसे शक्तिशाली परमाणु रणनीतिक हथियार प्रणाली” बताया गया। प्रदर्शन में शामिल अन्य हथियारों में कम दूरी की बैलिस्टिक, क्रूज और सुपरसोनिक मिसाइलें शामिल थीं, जिन्हें उत्तर कोरिया ने पहले प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया में लक्ष्यों पर परमाणु हमला करने में सक्षम बताया था।
अमेरिका का नहीं किया सीधा जिक्र
उत्तर कोरिया की आधिकारिक केसीएनए समाचार एजेंसी के अनुसार, परेड में दिए गए भाषण में किम ने कहा कि उनकी सेना को “एक अजेय शक्ति के रूप में विकसित होते रहना चाहिए जो सभी खतरों को खत्म कर दे,” लेकिन उन्होंने वाशिंगटन या सियोल का कोई सीधा जिक्र नहीं किया।
रूस भेजी गई सैन्य टुकड़ी का प्रदर्शन
रूस की TASS समाचार एजेंसी की तस्वीरों और वीडियो में हजारों दर्शकों को किम जोंग उन के राष्ट्र-संस्थापक दादा के नाम पर जगमगाते किम इल सुंग स्क्वायर पर मिसाइल लगे वाहनों के गुजरते हुए दिखाया गया है। केसीएनए के मुताबिक परेड के दौरान मार्च करने वाले सैनिकों की टुकड़ियों में “अजेय विदेशी संचालन इकाई शामिल थी, जिसने कोरियाई लोगों के जज्बे का पूरी तरह से प्रदर्शन किया,” जिससे पता चलता है कि वे सैनिक थे, जिन्हें किम ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध प्रयास में शामिल होने के लिए रूस भेजा था।
बता दें कि यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से किम ने रूस को अपनी विदेश नीति की प्राथमिकता बना लिया है, पुतिन की युद्धक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हजारों सैनिक और तोपखाने सहित बैलिस्टिक मिसाइलों व हथियारों की बड़ी खेप भेज रहे हैं। किम ने पिछले महीने चीन का भी दौरा किया था और एक विशाल सैन्य परेड में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पुतिन के साथ मुख्य मंच साझा किया था, जो उनकी कूटनीतिक पकड़ को मजबूत करने के उद्देश्य से एक और कदम था।





