विधानसभा ने अनुमति के लिए राजभवन भेजे आठ विधेयक

यूसीसी संशोधन विधेयक में विवाह पंजीकरण की समय सीमा को छह माह से बढ़ाकर एक वर्ष किया गया। जबकि उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध प्रतिषेध संशोधन विधेयक में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए हैं।

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मानसून सत्र में पारित आठ विधेयकों को विधानसभा सचिवालय ने राजभवन भेज दिया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद विधेयक अधिनियम बनेंगे।

प्रदेश सरकार ने मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक, उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध प्रतिषेध संशोधन विधेयक, उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक समेत आठ विधेयक पारित किए थे। यूसीसी संशोधन विधेयक में विवाह पंजीकरण की समय सीमा को छह माह से बढ़ाकर एक वर्ष किया गया। जबकि उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध प्रतिषेध संशोधन विधेयक में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए हैं।

यदि कोई व्यक्ति धन, उपहार, नौकरी व शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे अपराध की श्रेणी में गिना जाएगा। इसके अलावा शादी के इरादे से धर्म छिपाने पर तीन साल से 10 साल की सजा व तीन लाख जुर्माना हो सकता है। महिला, एससीएसटी, दिव्यांग व सामूहिक धर्मांतरण कराने पर अधिकतम 14 साल तक सजा का प्रावधान किया गया। कई मामलों में उम्र कैद तक की सजा प्रावधान है।

उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक में मदरसा बोर्ड को समाप्त कर प्राधिकरण के माध्यम से अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मान्यता देने का प्रावधान है। अल्पसंख्यक की श्रेणी में सिक्ख, ईसाई, फारसी, बौद्ध को शामिल किया गया है। इसके अलावा उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर संशोधन विधेयक, उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, उत्तराखंड साक्षी संरक्षण निरसन विधेयक, उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक, उत्तराखंड लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक भी राजभवन भेजे गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button