लोन के बदले ली रिश्वत: बदायूं में पीएनबी का शाखा प्रबंधक और कर्मचारी गिरफ्तार

शाखा प्रबंधक ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत मिलने वाले लोन की फाइल पास करने के बदले रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने सीबीआई से इसकी शिकायत की। बुधवार की रात सीबीआई ने छापा मारकर शाखा प्रबंधक और कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया।
बदायूं में पंजाब नेशनल बैंक की सहसवान शाखा में बुधवार दोपहर बाद शाखा प्रबंधक (लोन ऑफिसर) राजीव गंगवार और दफ्तरी दयाराम उर्फ दया को सीबीआई ने 38 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई के बाद टीम ने बैंक का गेट बंद करवाकर कई घंटे पूछताछ की। रात में एक टीम लोन ऑफिसर को लेकर चली गई।
कांकसी निवासी राजकुमार ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत पांच लाख रुपये का ऋण लेने के लिए आवेदन किया था। खादी ग्रामोद्योग विभाग से पत्रावली पंजाब नेशनल बैंक की सहसवान शाखा में पहुंची। सात मार्च को जानकारी होने पर राजकुमार ने बैंक में संपर्क किया। वहां शाखा प्रबंधक राजीव गंगवार ने दया नाम के कर्मचारी को बुलाकर कहा कि वह उसके संपर्क में रहें। राजकुमार तब से बैंक के चक्कर काट रहे थे।
लखनऊ से पहुंची सीबीआई टीम
दया ने उन्हें बताया कि लोन स्वीकृत कराने के लिए 40 हजार रुपये देने होंगे। राजकुमार ये रकम देने की स्थिति में नहीं थे। इसकी जानकारी उन्होंने अपने भाई देवव्रत को दी तो उन्होंने सीबीआई से संपर्क किया। सीबीआई के कहने पर दोनों दया व राजीव के संपर्क में बने रहे। इस बीच 38 हजार रुपये में बात तय हुई। बुधवार को लखनऊ से सीबीआई टीम दो गाड़ियों में सहसवान पहुंची। यहां टीम ने दोनों आरोपियों को 38 हजार रुपये का चेक लेते हुए पकड़ लिया। इस दौरान बैंक शाखा में अफरातफरी का माहौल रहा।
आरोपियों ने लिया था 38 हजार का चेक
सीधे घूस लेने से बचने के लिए राजीव गंगवार ने दया के साथ मिलकर योजना बनाई थी। दया ने राजकुमार से जो रकम मंगाई, वह 38 हजार रुपये राजकुमार से उसी के खाते में जमा करा दिया। इन लोगों ने राजकुमार से अपनी चेकबुक लाने के लिए भी कहा था। फिर दया ने ही राजकुमार से कहा कि वह अपने ही खाते से 38,000 रुपये चेक से निकाले। इसी चेक को देते समय टीम ने दया और फिर राजीव को पकड़ लिया।
बरेली का निवासी है प्रबंधक, किराये के कमरे की भी तलाशी
बैंक शाखा प्रबंधक राजीव गंगवार मूल रूप से बरेली जिले के फरीदपुर थाने के मेहतरपुर गांव का निवासी है। वह सहसवान में ही किराये पर कमरा लेकर रहता है। कार्रवाई के बाद रात में टीम ने उसे साथ ले जाकर कमरे की तलाशी ली। बैंक कर्मचारी दयाराम उर्फ दया बदायूं जिले के ही जरीफनगर थाने के गांव धर्मपुर टप्पा वैश्य का निवासी है। बैंक प्रबंधक की सभी स्थानीय डील वही कराता था।
पीड़ित ने मेसेज से दी थी सूचना
चूंकि केंद्रीय सेवा से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों को घूसखोरी के मामलों में पकड़ने के लिए सीबीआई ही अधिकृत है। इसलिए भ्रष्ट बैंक स्टाफ को पकड़वाने के लिए राजकुमार ने उन्हें सूचना दी। राजकुमार ने बताया कि वह केवल हाईस्कूल पास हैं। खुद बेरोजगार हैं तो इतनी बड़ी रकम घूस में देने की उनकी क्षमता नहीं थी। उनके मोबाइल फोन पर इस संबंध में मेसेज आते थे। इसी आधार पर उन्होंने सीबीआई से संपर्क किया। बुधवार रात सीबीआई ने लखनऊ शाखा में ही यह केस दर्ज कर लिया। आरोपी भी लखनऊ जेल भेजे जा सकते हैं।