खुलासा: लालू यादव के घर पर डॉक्टरों-नर्स की तैनाती, बोले- तेज प्रताप के आदेश को मना नहीं कर सकते
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के घर में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के तीन डॉक्टरों और नर्स की तैनाती का मामला सामने आने के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है। सोमवार को इस बात का खुलासा हुआ कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के घर में ‘किसी’ के बीमार होने पर तीन डॉक्टरों को तैनात किया गया था।
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इस मामले में सफाई देते हुए मंगलवार को IGIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट (चिकित्सा अधीक्षक) प्रभात कुमार सिन्हा ने कहा, “डॉक्टरों को आधिकारिक आदेश के कारण भेजा गया था। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री और इस इस्टीट्यूट (IGIMS) के चेयरमैन होने के नाते तेज प्रताप यादव को उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने बताया कि कोई भी डॉक्टर व नर्स वहां फुलटाइम तैनात नहीं रहा है और सुबह और शाम की शिफ्ट में ड्यूटी पर थे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को मना नहीं कर सकते।
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सिन्हा ने एएनआई से बातचीत में आगे कहा, “जब कोई डॉक्टर मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए कहीं जाता है और तो उसकी कुछ जिम्मेदारियां होती हैं। डॉक्टरों को आधिकारिक नोटिस पर भेजा गया था। अगर कोई आम आदमी भी इस तरह का मसला लेकर आता तो हम जरुर उसे भी इस तरह का मेडिकल ट्रीटमेंट देते। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और इस इंस्टीट्यूट के चेयरमैन होने के नाते तेज प्रताप को तो प्राथमिकता मिलनी ही थी। आम लोगों के लिए भी हमारे डॉक्टर उनके घर तक भेजे जाते हैं। हमें जैसी सूचना मिलती है उसके आधार पर हम काम करते हैं। सिन्हा ने कहा, “तेज प्रताप राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं और उनके आदेश को हम मना नहीं कर सकते।
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मरीज कौन था इस बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा, ” हम बीमार व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं कर सकते, क्योंकि यह नैतिक मुद्दा है। कोई गंभीर रूप से बीमार होगा, इसीलिए टीम को भेजा गया होगा। मैं नहीं कह सकता है कि वह लालू यादव थे क्योंकि मैं वहां मौजूद नहीं था। हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। बीमार का इलाज करना किसी भी तरह से गलत नहीं है।”
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बता दें किए एक पत्र सामने आया था जिससे यह स्पष्ट होता है कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के तीन बड़े डॉक्टर और दो मेल नर्स 31 मई 2017 से लेकर 08 जून, 2017 तक लालू यादव के सरकारी आवास, 10 सर्कुलर रोड पर ड्यूटी में पदस्थापित थे। यानी उनकी देखभाल की ड्यूटी पर थे। आठ जून को जारी आईजीआईएमएस कार्यालय के आदेश के मुताबिक उन लोगों की आगे की ड्यूटी फिर से इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में लगाई गई है।