लखनऊ: सीएम योगी ने जनजाति भागीदारी उत्सव का किया शुभारंभ

राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित जनजाति भागीदारी उत्सव का मुख्यामंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 1 से 15 नवंबर तक जनजाति गौरव पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। जनजाति समाज को अपनी परंपरा, गौरव पर अनुभूति हो और समाज राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल हो इस कोशिश में यह उत्सव किया जा रहा है। इस उत्सव में 22 राज्यों के जनजाति समाज के कलाकारों द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन करने के साथ ही कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

उत्सव में सांस्कृतिक समागम और यात्रा के माध्यम से लोग जुड़ रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश पार्टनर राज्य होने के साथ ही अन्य राज्यों के कलाकार यूपी में आकर इसके सहभागी बन रहे हैं। उत्सव में हस्तशिल्प और कला प्रदर्शनी, व्यंजन मेला भी लग रहा है। इस उत्सव के माध्यम से हम धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के प्रति सम्मान व्यक्त कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह साल हमारे लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती पूरे होने के साथ ही बिरसा मुंडा की जयंती के 150 साल पूरे होने का वर्ष भी है। यह वर्ष राष्ट्रगीत वंदे मातरम के भी 150 वर्ष में प्रवेश का वर्ष भी है। वह अमरगीत जिसने स्वाधीनता को नया मंत्र दिया था। यह वर्ष भारत के संविधान, एकता और अखंडता की आत्मा बन गया है।

पुलिस भर्ती में जनजाति समाज के लोगों को मिला मौका

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बिरसा मुंडा भारत की स्वाधीनता के पक्षधर थे। इसके लिए उन्होंने अभियान चलाया। अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ा और 25 साल में रांची की जेल में अंतिम सांस ली। उनका कहना था कि देश हमारा है तो राज भी हमारा होना चाहिए। ब्रिटिश हुकूमत राज न करे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेरणा दी है कि एक पूरा जनजाति गौरव पखवाड़ा मना रहे हैं। उनकी परंपरा, संस्कृति को प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। यूपी देश की आबादी का सबसे बड़ा प्रदेश है। जनजाति समुदाय की आबादी कुल की अपेक्षा कम है। पहले सरकारी नौकरी के लिए जनजाति की सभी सीटें नहीं भरती थी। अब पुलिस भर्ती में जनजाति समाज की सभी सीटें भरी हैं। उनकी शिक्षा और भागीदारी बढ़ी है। सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है। हमारी सरकार ने तय किया है कि जो भी जनजाति यूपी में हैं उनको उनका अधिकार मिले। सरकार इसके लिए काम करेगी। थारू, मुसहर, चेरो, कोल और गौड़ आदि को सभी सरकारी योजनाओं से आच्छादित करने को अभियान चलाया गया है। आज ज्यादातर जातियां सभी जरूरी सुविधाओं को पा रही हैं।

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