लखनऊ की पांच ऐतिहासिक इमारतों को हेरिटेज होटलों में बदलने की तैयारी…
यूपी की राजधानी लखनऊ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शहर की पांच ऐतिहासिक इमारतों को हेरिटेज होटलों में बदलने की तैयारी हो रही है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है, जिसे मंजूरी भी मिल गई है। माना जा रहा है कि इन इमारतों को होटल का लुक देने से न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पर्यटन विभाग की आय में भी इजाफा होगा। अधिकारियों का मानना है कि राजस्थान में इसी तरह से तमाम ऐतिहासिक इमारतों को होटलों में बदलने का बड़ा फायदा हुआ है। तेजी से पर्यटक इनके प्रति आकर्षित हो रहे हैं।
फिलहाल लखनऊ की छतर मंजिल, रोशन-उद्दौला कोठी, कोठी गुलिस्ताने-इरम, कोठी दर्शन विलास और फरहद बख्स को हेरिटेज होटल में तब्दील करने की तैयारी है। इन पांचों ऐतिहासिक इमारतों को पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज होटल में तब्दील करने का प्रस्ताव शासन भेजा गया है। शासन में प्रस्ताव मंजूर होने के बाद पर्यटन विभाग इन्हें असंरक्षित श्रेणी में डालते हुए यहां हेरिटज होटल विकसित करने का नोटिस चस्पा कर दिया है।
राज्य पुरातत्व विभाग की निदेशक डॉ. रेणु द्विवेदी के अनुसार पांच दिनों के बाद इन इमारतों को डी-नोटिफाई कर दिया जाएगा और इनके हेरिटेज होटल बनने की राह में आने वाली बाधाओं को दूर कर दिया जाएगा। प्रस्ताव पर आपत्ति मांगी गई है।
इन इमारतों को असंरक्षित किए जाने के मामले में यदि किसी भी व्यक्ति को आपत्ति हो तो वह विभाग में आपत्ति दर्ज करा सकता है। उन्होंने बताया कि केवल उन्हीं आपत्तियों पर विचार किया जाएगा जो इस अधिसूचना के निरस्त होने के एक माह के भीतर आएंगी।
उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में इमारतों को होटलों में बदलने के इस मॉडल ने विरासत को बचाने में काफी मदद की है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। इन स्मारकों को जीर्ण-शीर्ण होने से बचाने में भी मदद मिलेगी। इस ऐतिहासिक इमारतों को व्यावसायिक उपयोग के लिए परिवर्तन करने से इनके संरक्षण में काफी मदद मिलेगी। राज्य एएसआई यह सुनिश्चित करेगा कि इमारत का नवीनीकरण और पुनर्निर्माण विरासत को बिना प्रभावित किए किया जाए।
संस्कृति विभाग के विशेष सचिव आनंद कुमार ने कहा कि पीपीपी मॉडल के तहत इन पांचों ऐतिहासिक इमारतों को हेरिटेज होटलों में बदलने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। वहीं, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा कि अन्य राज्यों की तर्ज पर इन भवनों को हेरिटेज होटलों में बदलने से इनके संरक्षण में मदद मिलेगी। साथ ही इससे राज्य की राजधानी में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी।