लंबे समय तक बनाए रखना है रिश्ता, तो सेट करें एक हेल्दी बाउंड्री

वैसे तो हर चीज की एक सीमा होती है चाहे वो भौगोलिक रूप से हो या फिर व्यक्तिगत रूप से। नदी समंदर और पहाड़ी जैसी प्राकृतिक चीजें भी अपनी हद में रहकर ही अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं लेकिन अफसोस की बात है कि कई बार ऐसी स्पष्ट सीमा या बाउंड्री हम रिश्तों में नहीं बना पाते।

अक्सर ऐसा देखा गया है कि हमारे करीबी अपनी बातों या अपने व्यवहार से हमें सबसे ज्यादा तकलीफ पहुंचाते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह होती है कि हम रिश्तों में कोई हद या सीमा तय नहीं करते। इससे रिश्तों के टूटने या अलग-थलग पड़ जाने का भय रहता है।

इसलिए कोई रिश्ता कितनी भी तकलीफ क्यों न दे रहा हो, लोग उसे साथ ढोते चलते हैं और दूसरे अपनी हदें पार करते रहते हैं। आखिर हर रिश्ते में एक हेल्दी बाउंड्री या सीमा तय करना इतना जरूरी क्यों है और ऐसा ना करने के क्या खामियाजे भुगतने पड़ते हैं, आइए जानते हैं।

आप अपनी शर्तों पर जिंदगी जी पाते हैं
चाहे परिवार का कोई व्यक्ति हो, दोस्त या फिर कोई और बाउंड्री सेट करने से कोई दूसरा व्यक्ति अपनी बेवजह की राय या सलाह आप पर नहीं थोप पाता। आप अपनी शर्तों पर जिंदगी जीते हैं और उससे जुड़े फैसले लेते हैं। हद बनाने से लोगों को पता होता है कि उन्हें आपके मामले में कितना दखल देना और कहां रुकना है।

ऐसे में और भी जरूरी हो जाता है बाउंड्री सेट करना
आप कभी किसी को ना नहीं कह पाते, आप पीपल प्लीज़र के तौर पर नजर आते हैं।
बुरा व्यवहार होने पर भी आप आवाज नहीं उठा पाते।
आपके रिश्ते टॉक्सिक हैं।
आप औरों की भावनाओं या बिहेवियर के लिए खुद को दोषी मानते हैं।
अपनी जिंदगी के बारे में औरों से कुछ ज्यादा ही शेयर करते हैं।
खुद की जरूरत से ज्यादा दूसरों की जरूरत को पहले रखते हैं।
आप दूसरों पर इस बात के लिए निर्भर रहते हैं कि वो आपको तकलीफों से निकालेगा।
अपनी फिजिकल, मेंटल हेल्थ, खानपान, एक्सरसाइज, नींद या पैसों का ध्यान नहीं रखते।

इस तरह बनाएं एक हेल्दी बाउंड्री
अगर किसी ने अभी तक रिश्तों में बाउंड्री या हद बनाना नहीं सीखा तो उनके लिए इसकी शुरुआत करना मुश्किल काम हो सकता है। वैसे आप इन तरीकों से इसकी तरफ कदम बढ़ा सकते हैं:

अपनी सीमाओं को पहचानें: आपने अपने लिए बाउंड्री सेट की है औरों की नहीं, इसलिए दूसरों के व्यवहार पर ध्यान ना दें। आप खुद को बदल सकते हैं औरों को नहीं। हमें अपनी सीमाएं तय करनी हैं दूसरों की नहीं।

कोई भ्रम न पैदा होने दें : किसी भी रिश्ते में उसे उसकी हद बताना बेहद मुश्किल काम है, लेकिन अपनी बात पर कायम रहें। इस दौरान शांत रहें और नरम बने रहें, अपनी बात के लिए माफी मांगने या बार-बार समझाने की जरूरत नहीं।

रातोंरात नहीं होगा बदलाव: अगर आपने कोई हद बनाई है तो जरूरी नहीं कि एक ही दिन में जादू हो जाएगा। इसमें वक्त लग सकता है। यह धीरे-धीरे होने वाली प्रक्रिया है। कई बार लोग आपके द्वारा बनाई गई हद का सम्मान करेंगे और हो सकता कई इसे तोड़ने की भी कोशिश करे। इसमें आप किसी एक्सपर्ट की भी राय ले सकते हैं।

ऐसे रिश्ते में न रहना ही बेहतर: अगर कोई आपके द्वारा बनाई गई हद का सम्मान करता है और उसे सपोर्ट करता है तो वह इंसान आपकी जिंदगी का हिस्सा बनने लायक है। लेकिन कोई इसे अपना अपमान माने या इस बात के लिए आपको भला-बुरा कहे तो उस टॉक्सिक रिश्ते से निकल जाना ही आपकी हेल्थ के लिए बेहतर है।

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