राजोरी दिवस आज : उपराज्यपाल सिन्हा शहीदों को देंगे श्रद्धांजलि

13 अप्रैल, 1948 को भारतीय सेना ने राजोरी शहर को पाकिस्तानी घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था। कार्यक्रम में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और नॉर्दर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ की उपस्थिति रहेगी।
आज राजोरी दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन, स्थानीय संगठनों और भारतीय सेना के संयुक्त तत्वावधान में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। 13 अप्रैल, 1948 को भारतीय सेना ने राजोरी शहर को पाकिस्तानी घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था। कार्यक्रम में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और नॉर्दर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ की उपस्थिति रहेगी।
26 अक्तूबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के बाद पाकिस्तान ने कबायली घुसपैठियों और सैन्य बलों के साथ राजोरी और पुंछ पर हमला कर दिया था। 11 नवंबर, 1947 को, जब पूरा देश दीपावली मना रहा था, राजोरी के निवासियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कहर ढाया। सैकड़ों निर्दोष लोगों को मार डाला गया, महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार किए गए और घरों को आग के हवाले कर दिया गया।
नवंबर 1947 से अप्रैल 1948 तक, अल्पसंख्यक समुदाय के 20,000 से अधिक लोगों ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। अंततः 13 अप्रैल, 1948 को भारतीय सेना ने राजौरी को मुक्त कराया और शहर के लोगों को नरसंहार से मुक्ति मिली।
इस ऐतिहासिक दिन को याद करते हुए आज राजोरी में श्रद्धांजलि समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सैन्य प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सेना प्रमुख बलिदान भवन में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद सेना द्वारा आयोजित एक विशेष रंगारंग कार्यक्रम भी होगा, जिसमें शहीदों की वीरता को याद किया जाएगा।