राजस्थान :  यूनिवर्सिटी में शस्त्र पूजन पर बवाल; गहलोत बोले…

राजस्थान विश्वविद्यालय में मंगलवार शाम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शस्त्र पूजन का विरोध कर रहे NSUI कार्यकर्ताओं की पुलिस और आरएसएस समर्थकों से हुई झड़प के बाद सियासी विवाद गहरा गया है। घटना में कई छात्रों को चोटें आईं। वहीं पुलिस ने 12 NSUI कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी ले लिया। लेकिन अब प्रदेश के शीर्ष राजनेता भी इस सियासी विवाद में कूद पड़े हैं

गहलोत बोले पुलिस RSS के दबाव में
सबसे पहले मामले को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई। उन्होंने कहा- राजस्थान विश्वविद्यालय में RSS द्वारा शस्त्र पूजा का कार्यक्रम रखना ही आपत्तिजनक है। शिक्षा के स्थान को इस तरह की राजनीतिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करना कैसे उचित माना जा सकता है? जब NSUI के कार्यकताओं ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने बल प्रयोग किया। इसके साथ ही, RSS के कार्यकर्ताओं ने कानून को अपने हाथों में लेकर NSUI के कार्यकताओं से मारपीट की। यह दिखाता है कि राजस्थान में अब कानून का राज खत्म होता जा रहा है और RSS ही एक्स्ट्रा कॅन्सिट्यूशनल अथॉरिटी बन गई है। इस घटनाक्रम की जितनी निंदा की जाए वो कम है। बड़े शर्म की बात है कि यह घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई और पुलिस इसे रोकने में असफल रही। इसका आशय है कि पुलिस RSS के दबाव में है। यदि पुलिस इसी तरह दबाव में रही तो कानून व्यवस्था कैसे संभालेगी।

जूली का आरोप, पुलिस खुद एनएसयूआई की गाड़ियां तोड़ रही थी
नेता प्रतिपक्ष जूली ने भी इस घटना को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मंदिरों में जिस तरह RSS अपने कार्यक्रम कर रही है, वह शिक्षा के मंदिरों को राजनीतिक अखाड़ा बनाने का काम कर रही है l जूली बोले जब NSUI कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण रूप से इसका विरोध किया तो RSS के लोगों ने उन पर बर्बरतापूर्ण लाठियाँ बरसायीं और पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी रही, क्या यही पुलिस का धर्म है? यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है। पुलिस खुद NSUI कार्यकर्ताओं की गाड़ियां तोड़ रही है यह सत्ता के इशारे पर किया गया लोकतंत्र का गला घोंटने वाला कृत्य है। जो ज्यादा दिन नहीं चलने वाला है

पुलिस और सरकार दोनों आरएसएस के दबाव में झुके- डोटासरा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- राजस्थान विश्वविद्यालय में RSS द्वारा शस्त्र पूजन का आयोजन करना ना केवल अनुचित, बल्कि घोर निंदनीय है। RSS ने शिक्षा के मंदिर को राजनीतिक रंग में रंगने का दुस्साहस किया है। इसका विरोध करने पर NSUI कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठियां चलाकर छात्रों की आवाज़ दबाने की कोशिश की। RSS के कार्यकर्ता द्वारा खुलेआम कानून हाथ में लेकर छात्रों से मारपीट करना और पुलिस का मूकदर्शक बने रहना कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा सरकार और पुलिस दोनों RSS के दबाव में झुके हुए हैं। प्रदेश के लिए ये बेहद शर्मनाक और ख़तरनाक संकेत है।

NSUI प्रदेशाध्यक्ष देर रात गिरफ्तार-
मामले में देर रात NSUI प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद जाखड़ की तरफ से बयान आया- मुझे गांधी नगर, थाने में गिरफ्तार करने के बाद मोती डूंगरी थाने ले जाया जा रहा है। चाहें कितने भी थाने बदले जाएँ, NSUI हमेशा की तरह शांतिपूर्ण, कानूनी तरीक़े से और दृढ़ता के साथ आवाज़ उठाती रहेगी। हम डरने वाले नहीं हैं।

यह थी घटना-
राजस्थान यूनिवर्सिटी परिसर में मंगलवार शाम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शस्त्र पूजन कार्यक्रम के दौरान जबरदस्त हंगामा हो गया। कार्यक्रम में संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही NSUI कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर स्टेज पर तोड़फोड़ शुरू कर दी।
इस दौरान NSUI और RSS समर्थक आमने-सामने आ गए। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और बारिश के बीच लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया गया। इस दौरान छह छात्रों को चोटें आईं, वहीं 12 NSUI कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। पुलिस के अनुसार NSUI कार्यकर्ताओं ने बिना अनुमति यूनिवर्सिटी परिसर में घुसकर कार्यक्रम में व्यवधान डाला। वहीं NSUI नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने RSS के दबाव में आकर छात्रों पर बर्बरता की और उनकी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई। छात्र नेता महेश चौधरी और नीरज खींचड़ ने पुलिस और संघ कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया और कहा कि यूनिवर्सिटी कैंपस शिक्षा का स्थान है, इसे राजनीतिक गतिविधियों से दूर रखा जाना चाहिए।घटना के बाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी कैंपस से NSUI कार्यकर्ताओं को खदेड़ते हुए कार्यक्रम स्थल को खाली कराया। संघ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह कार्यक्रम विजयादशमी और संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया था, जिसमें करीब 600 छात्र, शिक्षक और स्वयंसेवक शामिल हुए। नगर संघचालक रविशंकर चौधरी के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान NSUI और बाहरी अराजक तत्वों ने हमला करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने समय रहते हालात पर काबू पा लिया।

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