राजस्थान में फिर नकली दवा का खुलासा, एलजीविन-एम टैबलेट सप्लाई पर रोक

राज्य के औषधि नियंत्रण आयुक्तालय ने राज्यभर में एलजीविन-एम (लेवोसेटिरिजिन डाइहाइड्रोक्लोराइड और मॉन्टेलुकास्ट सोडियम टैबलेट आईपी) के दो बैच को तुरंत प्रभाव से रोकने का अलर्ट नोटिस जारी किया है। ये दोनों दवा जयपुर स्थित औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में अवमानक श्रेणी में पाई गई हैं।
बता दें कि दवा में मुख्य घटक मॉन्टेलुकास्ट शून्य मिला यानी मरीज जो दवा खा रहा था, उसमें अपेक्षित सक्रिय तत्व मौजूद ही नहीं था। इसके आधार पर इसे नकली की श्रेणी में रखा गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, बैच नंबर YET-25029 और YLT-25029 गंभीर रूप से मानकों पर खरे नहीं उतरे। इन दवाओं का इस्तेमाल एलर्जी, खांसी और सांस संबंधी समस्याओं में बड़े पैमाने पर किया जाता है। ऐसे में अवमानक दवा मरीजों के इलाज को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती थी।
जांच रिपोर्ट बाहर आते ही दवा नियंत्रण संगठन ने पूरे प्रदेश के अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि इसी कंपनी वायएल फार्मा (बद्दी, हिमाचल प्रदेश) की दवाइयां पहले भी नकली या अवमानक पाई जा चुकी हैं।
उस समय भी कई जिलों में संदिग्ध पाए जाने पर स्टॉक जब्त किया गया था और नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। दोबारा फेल होने पर अब दवा नियंत्रण विभाग ने कंपनी के सभी उत्पादों को संदेह सूची में डालते हुए विशेष निगरानी और सैंपलिंग बढ़ाने के आदेश दिए हैं।





