रमा एकादशी व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं?

कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की रमा एकादशी दीपावली से ठीक पहले आती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी दीपावली से ठीक पहले आती है, जिस वजह से इसका महत्व बढ़ जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत में विधि-विधान से पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है, तो आइए इस व्रत से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं –

रमा एकादशी व्रत में क्या खाएं?
फल और मेवे – इस व्रत में सभी प्रकार के फल और सूखे मेवे का सेवन किया जा सकता है।

ये भी खा सकते हैं – इस दिन आलू, शकरकंद, अरबी, और साबूदाना खाया जा सकता है।

कुट्टू और सिंघाड़े का आटा – इस तिथि पर सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, और राजगीरे के आटे से बनी पूड़ी, पराठा या पकौड़ी खा सकते हैं।

डेयरी की चीजें – इस मौके पर दूध, दही, छाछ, पनीर और घी का सेवन किया जा सकता है।

नमक और मसाले – इस दिन केवल सेंधा नमक और काली मिर्च, हरी मिर्च, अदरक, जीरा पाउडर आदि सात्विक मसालों का प्रयोग कर सकते हैं।

रमा एकादशी व्रत में क्या नहीं खाएं?
अनाज – इस दिन चावल, गेहूं, जौ, बाजरा, मक्का और सभी प्रकार की दालों का सेवन वर्जित है।
तामसिक भोजन – इस दिन लहसुन, प्याज, मांस, मछली, और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
साधारण नमक – व्रत में सामान्य नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
कुछ सब्जियां – कुछ मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन गोभी, गाजर, पालक, बैंगन और शलजम जैसी सब्जियां भी नहीं खानी चाहिए।

रमा एकादशी व्रत के नियम
व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें और मन, वचन व कर्म से सात्विक रहें।
मन में किसी के प्रति बुरा विचार न लाएं।
एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि इस दिन तुलसी जी भी उपवास करती हैं।
हो पाए, तो रात में जागकर भगवान विष्णु के नाम का जप और भजन-कीर्तन करें।
पूजा के अंत में भगवान विष्णु से व्रत के दौरान हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना जरूर करें।

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