रतले परियोजना में सुरक्षा पर सवाल: 29 श्रमिकों में से पांच के आतंकी संपर्क

किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर बन रही रतले जल विद्युत परियोजना में काम कर रहे 29 श्रमिकों के पुलिस सत्यापन में 5 के आतंकी संपर्क और 24 के आपराधिक रिकॉर्ड सामने आए हैं। पुलिस ने कंपनी को चेताया है कि यह परियोजना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी है, जबकि कंपनी ने श्रमिकों की गतिविधियों पर निगरानी का आश्वासन दिया है।

किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर बन रहे रतले जल विद्युत परियोजना में काम रहे 29 श्रमिकों के पुलिस सत्यापन में चौंकाने वाले बात सामने आई है। इनमें पांच श्रमिकों के संपर्क सक्रिय एवं आत्मसमर्पण कर चुके आतंकियों से हैं। किसी का भाई तो किसी का पिता आतंकी है तो किसी के परिवार के सदस्य ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर सक्रिय हैं। 24 कर्मचारियों के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में मामले दर्ज हैं और उनका आपराधिक रिकाॅर्ड है।

किश्तवाड़ पुलिस ने सभी कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज मामले व उनके आतंकी के साथ संपर्क होने की सूची जारी की है। पुलिस ने कंपनी से ऐसे श्रमिकों को काम पर रखने के अपने फैसले पर विचार करने को कहा है। इसके जवाब में कंपनी ने इन कर्मचारियों की गतिविधियों पर नजर रखने का आश्वासन दिया है।

850 मेगावाट की रतले बिजली परियोजना एनएचपीसी और जम्मू-कश्मीर सरकार का संयुक्त उद्यम है। इसकी अनुमानित लागत 3700 करोड़ रुपये है। इसके निर्माण कार्य मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कर रही है। कंपनी के श्रमिकों भर्ती को लेकर भाजपा की किश्तवाड़ की विधायक शगुन परिहार ने प्रश्न उठाए थे।

किश्तवाड़ जिले के एसएसपी नरेश सिंह ने एक नवंबर को श्रमिकों के सत्यापन रिपोर्ट कंपनी को भेजी थी। इसमें 29 श्रमिकों की भूमिका को संदिग्ध पाया था। इसमें पांच श्रमिकों के आतंकवाद से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष संबंध मिले हैं। 24 के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में मामले दर्ज और न्यायालय में विचाराधीन है।

सत्यापन रिपोर्ट डीसी किश्तवाड़ को भी भेजने के साथ एसएसपी ने मेघा इंजीनियरिंग के प्रबंधक को पत्र लिखकर इस पर चेताया था। इसमें लिखा था कि ये बिजली परियोजना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अहम है। किश्तवाड़ हमेशा से दुश्मन देश के निशाने पर रहता है। ऐसे में कंपनी में संदिग्ध श्रमिकों की नियुक्ति होना चिंताजनक है। इस पर विचार करना चाहिए।

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