सेंसर बोर्ड को उठाना पड़ा ये कदम, क्योंकि रंगून इतनी नशीली है की…!
आमतौर पर इन दिनों परदे पर शराब के सेवन और धूम्रपान के सीन्स के दौरान वैधानिक चेतावनी का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन सूत्रों के मुताबिक फिल्म रंगून 1940 के समय की कहानी है जब धूम्रपान को फैशन माना जाता था और बताया जाता है कि इसी कारण रंगून में सब्सटेंस अब्यूस और स्मोकिंग सीन्स की भरमार है। बताया जा रहा है कि सेंसर ने रंगून के निर्माता से कहा है कि वो वो पूरी फिल्म के दौरान वैधानिक चेतावनी लिख कर रखें या ऐसे सीन्स को हटा दें। हालांकि अंतिम फैसला उन पर ही छोड़ दिया गया है।
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इस बीच सेंसर बोर्ड के प्रमुख ने एक अख़बार से बातचीत में बताया है कि रंगून के निर्माता को ऐसे सीन को हटाने के लिए कहा गया क्योंकि ऐसे किसी भी काम को सेंसर बोर्ड बढ़ावा नहीं दे सकता। भले ही तब ये सब फैशन में रहा हो लेकिन अब ये छेड़खानी की तरह ही अस्वीकार्य है। सेंसर इस तरह के सीन को मज़ाक में भी सही नहीं मानता।
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