ये है भारतीय राजनीति का सबसे पहला सेक्स स्कैंडल, जिसकी वजह से दलित नेता नहीं बन पाई थी प्रधानमंत्री
भारतीय राजनीति में गठबंधन, ठगबंधन, स्वार्थ बंधन की कहानी आपने खूब सुनी होंगी। राजनीति में धोखा, षडयंत्र, साजिश के साथ साथ नेताओं की अय्याशियां और सेक्स स्कैंडल भी आते ही रहते हैं। नेताओं के नाजायज संबंध कई बार पूरा कैरियर चौपट कर चुके हैं. चाहे नारायण दत्त तिवारी हो, गोपाल कांडा हों या दूसरे नेता। लेकिन आज हम आपको उस सेक्स स्कैंडल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके भारतीय राजनीति का पहला सेक्स स्कैंडल कहा जाता है। ये स्कैंडल किसी नेता ने नहीं बल्कि नेता के बेटे का था। जिसने पिता के प्रधानमंत्री बनने के सपने को तोड़ दिया था। हालांकि ये आज भी रहस्य है कि ये सेक्स स्कैंडल था या वास्तव में कोई साजिश जिसका आज तक नहीं पता चला।
पहली बार प्रधानमंत्री की कुर्सी के करीब पहुंचा था कोई दलित नेता
आजादी के बाद दलित नेताओं की राजनीति में भूमिका की बात करें तो सूची बाबा साहब अंबेडकर के बाद बिहार के नेता जगजीवन राम, फिर कांशीराम, मायावती तक जाती है। लेकिन जगजीवन राम ने केंद्र की राजनीति में ऐसी जगह बनाई थी की। इमरजेंसी के बाद गैर कांग्रेसी सरकार में मोरार जी देसाई के नेतृत्व में बनी सरकार में जगजीवन राम उप प्रधानमंत्री थे। 1977 में बनी मोरार जी देसाई की गठबंधन सरकार 1978 आते आते डगमगाने लगी थी। जिसके बाद जगजीवन राम को गठबंधन के नेता समर्थन देने को तैयार थे। लेकिन तभी सूर्या मैगजीन में जगजीवन राम के बेटे सुरेश की ऐसी तस्वीरें छपी की जगजीवन राम का कैरियर बर्बाद हो गया।1978 में समाचार पत्रिका में छपी थी तस्वीरें
सूर्या मैगजीन ने इस स्टोरी को बाकायदा 2 पेजों में छापा था। जिसके बाद बाबू जगजीवन राम का न सिर्फ पीएम बनने का सपना टूट गया था। बल्कि दोबारा कांग्रेस सरकार सत्ता पर आ गई थी।
गैर कांग्रेसी सरकार में मोरार जी देसाई जहां अपना बहुमत खो रहे थे वहीं बाबू जगजीवन राम पर सांसदों का भरोसा बढ़ रहा था। तभी सितंबर के महीने में सूर्या नाम की एक मैगजीन में बाबू जगजीवन राम के बेटे सुरेश की गर्ल फ्रेड के साथ अंतरंग संबंध बनाते फोटो छपे थे।
किसने रची थी साजिश
तात्कालीन कांग्रेस नेता केसी त्यागी और उनके एक साथी को तस्वीरें खिंचवाने के लिए सूत्रधार माना जाता है। जिसके इंदिरा गांधी की बहू मेनिका गांधी की सूर्या मैगजीन में छापा गया था। खास बात ये की इस दौरान मैगजीन की सवा लाख प्रतियां छापी गई थीं, साथ ही 20 हजार प्रतियां दिल्ली में ही बांट दी गई थी।
कौन थी वो लड़की, कैसे हुआ था कांड
बताया जाता है कि तस्वीरें कश्मीरी गेट इलाके के एक स्थान की थी। जहां जगजीवन राम का नशेड़ी बेटा उस समय मर्सडीज बेंज कार से गया था। वहीं बागपत की रहने वाली दिल्ली के कॉलेज में पढ़ने वाली सुषमा नाम की लड़की के साथ आपत्ति जनक स्थित में पाए गए थे। जिसकी किसी ने तस्वीरें खींच ली थी, और सभी मीडिया घरानों के संपादकों तक पहुंचाई गई थी। जिसमें नेशनल हैराल्ड के संपादक और सूर्या मैगजीन के कंसल्टिंग एडिटर खुशवंत सिंह ने सूर्या मैगजीन में प्रमुखता से छपवाईं थी। घटना के बाद पांच छह साल बाद सुरेश की मौत हो गई थी। जबकि लड़की सुषमा के बारे में कहा जाता है कि उसने आत्म हत्या कर ली थी।