ये हैं भारत के 100वें नंबर पर काबिज अरबपति, नौकरी छोड़ दोस्तों के साथ बनाई कंपनी

फोर्ब्स की Richest 100 List में 100वें नंबर पर नंदन नीलकेणी हैं। यह देश की मशहूर आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर और नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं। उनकी रियल टाइम नेटवर्थ 3.1 बिलियन डॉलर है और यह 27000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। नंदन नीलकेणी और उनकी पत्नी रोहिणी नीलकेणी, दान देने के लिए काफी जाने जाते हैं।

भारत के सबसे अरबपति कारोबारियों की लिस्ट में टॉप 10 के बारे में सब जानते हैं और इनमें मुकेश अंबानी, गौतम अदाणी, सावित्री जिंदल, सुनील मित्तल से लेकर शिव नादार जैसे अरबपति लोग आते हैं। लेकिन, क्या आप इस लिस्ट में 100वें पायदान पर खड़े बिजनेसमैन को जानते हैं, जो दान देने के लिए काफी सुर्खियों में रहते हैं। फोर्ब्स की Richest 100 List में 100वें नंबर पर नंदन नीलकेणी (Nandan Nilekani) हैं जो देश की आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर और नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं।

बेशुमार दौलत और शोहरत के साथ-साथ नंदन नीलकेणि, दान देने के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने और उनकी पत्नी ने काफी डोनेशन दिया है।

नंदन नीलकेणी की नेटवर्थ

फोर्ब्स के अनुसार, नंदन नीलकेणी की रियल टाइम नेटवर्थ 3.1 बिलियन डॉलर है और यह 27000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इंफोसिस में अब उनकी हिस्सेदारी बरकरार है। 1978 में आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट होने के बाद उन्होंने आईटी सेक्टर में जॉब शुरू की और फिर नारायण मूर्ति व अन्य लोगों के साथ मिलकर इंफोसिस की नींव रखी।

दान देने में आगे

नंदन नीलकेणी और उनकी पत्नी रोहिणी नीलकेणी, दोनों दान देने के लिए काफी जाने जाते हैं। 2023 में नंदन नीलकेणी ने रिसर्च और इन्फ्रा के विस्तार के लिए आईआईटी, बॉम्बे को 38 मिलियन डॉलर (3 अरब रुपये) का दान दिया था।

वहीं, 2025 की फोर्ब्स परोपकारी लोगों की लिस्ट में रोहिणी नीलकेणी टॉप 10 में 8वें स्थान पर रहीं। रोहिणी नीलेकणी को भारत की सबसे परोपकारी महिला के रूप में जाता है। साल 2024 में उन्होंने 204 करोड़ रुपये का योगदान दिया था, जबकि पिछले 5 सालों में रोहिणी नीलकेणी 763 करोड़ रुपये का दान दे चुकी हैं।

रतन टाटा के साथ की नेक शुरुआत

नंदन नीलकेणी ने टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत रतन टाटा के साथ मिलकर गरीबों को माइक्रो लोन उपलब्ध कराने के लिए अवंती फाइनेंस की शुरुआत की। नंदन नीलकेणी और उनकी पत्नी रोहिणी ने “गिविंग प्लेज” पर हस्ताक्षर किए हैं। वे अलग-अलग परोपकारी शाखाएँ चलाते हैं, जो शहरीकरण और जैव विविधता जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं।

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