ये हैं उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर, महाकाल की नगरी में जरूर करें दर्शन

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Ujjain Mahakal Mandir) उज्जैन में स्थित है। इसी कारण उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है। इसके साथ ही यहां और भी कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमें भक्तों की गहरी आस्था है। चलिए जानते हैं इनके बारे में।

उज्जैन में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिसमें भक्तों की अटूट आस्था है। ऐसे में अगर आप उज्जैन जाने का मन बना रहते हैं, तो इन प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन भी जरूर करें, जिन्हें लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं।

इस मंदिरों के भी करें दर्शन

श्री चिंतामन गणेश मंदिर, उज्जैन से 7 कि.मी. दूरी पर स्थापित है। इस मंदिर में स्थापित गणेश जी की मूर्ति को स्वयंभू माना जाता है। विवाह की आमंत्रण पत्र सबसे पहले चिंतामण गणेश मंदिर में भेंट किया जाता है। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि इनके दर्शन से साधक की हर इच्छा पूर्ण होती है और चिंता दूर होती है।

दूर होता है मंगल दोष

उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर भी यहां के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मत्स्य पुराण में मंगलनाथ को मंगल ग्रह का जन्म स्थान माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन और विशेष पूजा-अर्चना से मंगल दोष का निवारण हो सकता है। ऐसे में यहां वह जातक जरूर आते हैं, जिनकी कुंडली में मांगलिक होता है।

सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी

महाकाल मंदिर के पास स्थित हरसिद्धि माता मंदिर भी प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जो 51 शक्तिपीठों में शामिल है। माना जाता है कि इस स्थान पर माता सती की कोहनी गिरी थी। माना जाता है कि जो भी भक्त यहां आकर देवी के दर्शन व पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

लगता है शराब को भोग

भगवान कालभैरव का मंदिर उज्जैन की क्षिप्रा नदी के किनारे भैरवगढ़ क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर की सबसे खास हात यह है कि यहां भगवान काल भैरव को शराब का भोग लगाया जाता है। साथ ही आश्चर्य की बात यह है कि जिस पात्र में मदिरा का भोग लगाया जाता है, वह खाली हो जाता है।

इस बात का पता आज तक कोई नहीं लगा पाया कि आखिर वह शराब कहां जाती है। इसी चमत्कार का साक्षी बनने के लिए यहां रोजाना श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

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