यूरिन इंफेक्शन है तो महज 5-7 पीपल के पत्तों से हो जाएगा दूर

phpThumb_generated_thumbnail (4)आयुर्वेद में पीपल के पेड़ को औषधियों का खजाना माना गया है। यह पेड़ कई प्रकार के रोगों के उपचार में लाभकारी है।
पीपल की डाली की दातुन करने व कोमल पत्तों को चबाने से मुंह में छाले, दुर्गध, पायरिया व मसूढ़ों की सूजन में लाभ होता है। इसके अलावा दस्त या दस्त में खून आने पर इसके पत्तों के नर्म डंठल को साबुत धनिया व शक्कर के साथ चबाते हुुए धीरे-धीरे रस लेने से आराम मिलता है।
 
5-7 हरे पत्तों को 250 मिलिलीटर पानी के साथ पीस लें। इसमें 1 चम्मच पिसी मिश्री मिलाकर सुबह-शाम लेने से पेशाब (यूरिन) में संक्रमण की समस्या दूर होती है। पीपल व लसोड़े के 5-7 पत्ते एक साथ लेकर 250 मिलिलीटर पानी में पीस लें। इसमें थोड़ा नमक मिलाकर सुबह-शाम 10 दिनों तक लेने से लिवर संबंधी रोगों मे लाभ होता है।
 
लगभग 10 पीपल की कोमल पत्तियों को 400 ग्राम दूध के साथ अच्छी तरह से उबाल लें। इसे छानकर इसमें स्वादानुसार पिसी हुई मिश्री मिलाकर सुबह नाश्ते के समय पीने से याददाश्त में कमी व तनाव जैसी समस्याएं दूर होती हैं।�
नाड़ीवैद्य शंभू शर्मा, वनौषधि विशेषज्ञ

 

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