यूपी: विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले आई इस खबर से मचा हड़कंप, तीन विधायक…

उत्तर प्रदेश में 20 अगस्त (यानी आज से) विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। इससे पहले कई कर्मचारियों और विधायकों ने कोविड-19 की जांच कराई थी, जिसमें तीन विधायक भी कोरोना पॉजिटिव मिलने की चर्चा है। हालांकि अधिकारिक रूप से खबर की पुष्टि नहीं हुई है। तीन दिन पहले 600 कर्मचारियों ने कोरोना टेस्ट करवाया था, जिसमें 20 कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए थे।  

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि सत्र के दौरान सुरक्षा के कई कदम उठाए गए हैं। सत्र शुरू होने पर सभी सदस्यों को उचित दूरी बनाकर बैठने के लिए कहा गया है। विधानसभा में सदस्य एक कुर्सी छोड़कर बैठेंगे। मानसून सत्र के दौरान अगर किसी सदस्य का स्वास्थ्य गड़बड़ पाया गया तो उसे कार्रवाई से अलग रखा जा सकता है। विधानसभा में आने वाले सभी सदस्यों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।

आपको बता दें कि इससे पहले 17 अगस्त को विधानसभा सचिवालय में काम करने वाले 600 अधिकारी व कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया था। इस जांच में करीब 20 कर्मचारी कोरोना पाजिटिव निकले थे। इन्हें होम क्वारंटीन और अस्पताल  में भेज दिया गया था। इसको देखते हुए सत्र के दौरान कड़े कदम उठाए जा रहे थे। चूंकि कोरोना संक्रमण के चलते दो मंत्रियों की मृत्यु हो चुकी है। आधा दर्जन विधायकों के अलावा तीन चार मंत्री भी कोरोना ग्रस्त हैं। ऐसे में सरकार और विधानसभा सचिवालय ने कई कड़े फैसले लिए हैं। सभी पूर्व विधायकों  और अन्य सदस्यों के पास निरस्त कर दिए गए हैं। केवल मौजूदा सदस्य ही प्रवेश पा सकेंगे। 

विधानसभाध्यक्ष ने की सर्वदलीय बैठक
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सर्वदलीय बैठक की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, समाजवादी पार्टी नेता के सहयोगी नरेंद्र सिंह वर्मा, बसपा के लालजी वर्मा, कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना, अपना दल एस नीलरतन पटेल नीलू और सुहेलदेव समाज पार्टी से ओमप्रकाश राजभर सर्वदलिया बैठक में शामिल हुए। बैठक में गुरुवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र पर चर्चाएं की गई।
 
विपक्ष उठा सकता है ये मुद्दे
प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था
स्मार्ट मीटर की खराबी का मामला
स्कूलों में जबरन फीस की वसूली
किसानों को हो रही खाद की परेशानी
वेतन-भत्तों में कटौती का मामला
ब्राह्मणों के उत्पीड़न का मामला
 
कैसे पूछे जाते हैं सवाल
सदस्य तीन तरह के अल्पसूचित, तारांकित व अतारंकित प्रश्न पूछते हैं।
अल्पसूचित ऐसे प्रश्न होते हैं जो अविलंबनीय व लोक महत्व के होते हैं। प्रश्नकाल में सदस्य इस सवाल पर दिए गए जवाब से उत्पन्न अनुपूरक सवाल भी अध्यक्ष की अनुमति से पूछ सकते हैं।
तारांकित प्रश्न के दिए गए उत्तर से उत्पन्न अनुपूरक सवाल अध्यक्ष की अनुज्ञा से किए जा सकेंगे।
अतारांकित प्रश्न में लिखित उत्तर सदस्य को दिया जाता है और उस पर अनुपूरक सवाल नहीं हो सकते।

सवाल पूछे जाने का तरीका
– अल्पसूचित सवाल पूछने के लिए सदस्य सत्र बुलाए जाने के बाद लिखित सूचना कम से कम तीन पहले प्रमुख सचिव विधानसभा को देंगे। प्रमुख सचिव अध्यक्ष से सवाल की ग्राह्यता पर अध्यक्ष से अनुमति लेकर ही उसे स्वीकार करेंगे और प्रश्न की प्रति विभाग के मंत्री को भेजी जाएगी और उनसे कहा जाएगा कि वह अपने प्रमुख सचिव से पूछे कि क्या वह इसका जवाब दे सकते हैं। मंत्री की सहमति मिलने पर सवाल कार्यसूची में शामिल कर लिया जाएगा। अन्य प्रकार के प्रश्नों की सूची बीस दिन पहले देनी होगी।

इस तरह के सवाल नहीं पूछे जा सकते
राय प्रकट करने या विधि संबंधी या काल्पनिक प्रस्थापन के समाधान के लिए नहीं पूछा जाएगा। सवाल में किसी व्यक्ति के चरित्र या आचरण का उल्लेख नहीं होगा तथा व्यक्तिगत प्रकरणों का निर्देश भी नहीं होगा, जबतक कोई सिद्धांत का विषय उसमें अंतर्निहित न  हो। सवाल में व्यक्तिगत दोषारोपण नहीं होगा। सवाल में गोपनीय जानकारी मसलन मंत्रिपरिषद के निश्चय, कार्यवाही, विधि अधिकारियों द्वारा राज्यपाल को दी गई मंत्रणा आदि।

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