जैश ए मोहम्मद के आतंकी यूपी में किसी बड़ी घटना की फिराक में हैं। इसका खुलासा सहारनपुर के देवबंद से पकड़े गए दो संदिग्ध आतंकियों नवाज व आकिब के मोबाइल से मिली बातचीत के ब्यौरे से हुआ है।
सूत्रों की मानें तो नवाज व आकिब के मोबाइल से कई अहम जानकारियां मिली हैं। गिरफ्तारी से एक दिन पहले जिस ‘मेहमान’ की खातिरदारी की गई थी, वह जैश ए मोहम्मद संगठन में ऊंचे पद पर बैठा हुआ कोई आतंकी था। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने उसके नाम का खुलासा नहीं किया है।
बताया जा रहा है कि वह यूपी के कई अलग-अलग शहरों में जाकर संपर्क भी बना रहा था। फिलहाल एटीएस उन लोगों से पूछताछ कर रही है, जिनसे इस आतंकी ने मुलाकात की थी। साथ ही आतंकी के मंसूबों को पता लगाने का भी कोशिश कर रही है।
मोबाइल से रिकवर हुए डाटा में इस संगठन से जुड़े कई अन्य आतंकियों के नाम का भी खुलासा हुआ है। इस जानकारी को जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ साझा किया गया है। इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई कि आतंकवादी संगठन यूपी में कोई बड़ी घटना को अंजाम देने का प्रयास कर सकते हैं। हालांकि एटीएस के एडीजी असीम अरुण का कहना है कि एटीएस आतंकी घटनाओं को रोकथाम के लिए भरपूर प्रयास कर रही है।
खास मेहमान की खातिरदारी में दी थी चिकन और बिरयानी की दावत
बता दें, 23 फरवरी को यूपी एटीएस ने सहारनपुर के देवबंद में एक छात्रावास से संदिग्ध आतंकी नवाज व आकिब को गिरफ्तार किया था। इससे पहले 22 फरवरी की रात में इन दोनों के रूम पर एक खास मेहमान आया था, जिसकी खातिरदारी में दोनों ने चिकन और बिरयानी की दावत दी थी।
शुरुआती पूछताछ में नवाज व आकिब ने उसे मदरसे का सामान्य व्यक्ति बताया था, लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ और मोबाइल से मिली जानकारी को सामने रखने के बाद ‘मेहमान’ के बारे में विस्तार से बता दिया।
इधर, शनिवार को डीजीपी ने प्रदेश भर के पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें एडीजी एटीएस असीम अरुण भी मौजूद थे। इस दौरान अरुण ने पुलिस कप्तानों से कहा कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या संदिग्ध चीज के बारे में कोई भी जानकारी मिलती है तो उसे गंभीरता से लेते हुए सत्यापित कराएं। साथ ही इसे शीर्ष अधिकारियों के संज्ञान में जरूर लाएं।