यूपी :बीजेपी की नई चाल, सियासी खेमों में मची हलचल.!

किसी ने सही कहा है कि राजनीति में आपका इंट्रेस्ट हो न हो, लेकिन राजनीति का इंट्रेस्ट आप में हमेशा रहता है। यह बात पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की ओर से बसपा सुप्रीमो मायावती पर अश्लील टिप्पणी करने के मामले पर सटीक बैठती है। याद होगा कि उस मामले में सियासत तब और गर्म हो गई जब बीएसपी के लोगों ने दयाशंकर की पत्नी और बेटी के लिए भी वैसी ही भाषा का प्रयोग कर बदला लिया था। उसके बाद दयाशंकर की पत्‍नी स्वाति सिंह ने भी बीएसपी नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और फिर शुरू हुआ एक नया घटनाक्रम, जिसने यूपी में भाजपा को एक नई संजीवनी प्रदान कर दी और दयाशंकर सिंह की टिप्पणी से बैकफुट पर आई पार्टी को स्‍वाति सिंह (दयाशंकर सिंह की पत्नी) के रूप में सूबे में एक नया चेहरा मिल गया ।bjp

 

बहरहाल, इस पूरे मामले के राजनीतिकरण के बाद अब बीजेपी ने इसका फायदा लेते हुए दयाशंकर सिंह की पत्‍नी स्‍वाति सिंह को उत्तर प्रदेश महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।

खास बात यह है कि स्‍वाति सिंह उस समय सुर्खियों में आई थी, जब उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी और कहा था कि मायावती यूपी में किसी भी सामान्य सीट से चुनाव लड़ें, वो खुद उनके खिलाफ चुनाव लड़ेगी। उन्होंने उस समय कहा था कि चुनाव लड़ने से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा मां और बेटी के सम्मान की लड़ाई है। चुनाव अगले साल होंगे, इसलिए हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि चुनाव की बात से मेरी लड़ाई कमजोर होगी. इसलिए इस बारे में कोई बात नहीं करें।

आपको बता दें कि स्‍वाति सिंह यूपी की सियासत के लिए कभी जाना पहचाना चेहरा नहीं रहीं, लेकिन आज वो प्रदेश सबसे चर्चित हस्तियों में शुमार हैं। शायद इसी का परिणाम है कि पार्टी द्वारा उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। स्‍वाति सिंह ने सीधे बसपा सुप्रीमो को चुनौती देते हुए कहा था कि एक बार मायावती से सबके सामने बैठकर कुछ सवाल करना चाहती हैं कि यदि वह स्वयं को बहन जी और देवी बोलती हैं, तो मैं उसी देवी से पूछना चाहती हूं कि आखिर जिस देश में बच्चियों को देवी मानकर पूजा जाता है, उसका अपमान करने का अधिकार उन्हें किसने दिया।

 

खैर..! कुछ भी हो, लेकिन अपने पुराने सिपाही की अभद्र भाषा के कारण पार्टी को जितना नुकसान हुआ था, उसकी पूरी भरपाई स्‍वाति सिंह ने अपने आक्रामक व्यक्तित्व से पूरी कर दी। हालांकि मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर बीजेपी ने अपने प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था और उन्हें जेल तभी जाना पड़ा था, लेकिन इसके बाद दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने गाली कांड में बीएसपी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया और सुर्खियों में छाई रही थीं।

 

सबसे अहम बात यह है कि 2017 में यूपी में चुनाव होने हैं, और चुनाव को लेकर कोई भी राजनीतिक दल किसी भी तरह का मौका नहीं चूकना चाहता है। सूबे के सियासी पंडितों की मानें तो बीजेपी का ये कदम चुनावी नजर से काफी अहम साबित हो सकता है, लेकिन ये तो आने वाले समय के गर्त में है, लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि भाजपा के इस सियासी शॉट ने निश्चित रूप से विरोधियों के खेमे में हलचल मचा कर रख दी है। एक महिला के रूप में स्‍वाति सिंह की सीधी टक्कर अब बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस की सीएम पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित से होगी जो राजनीति में काफी लम्बे समय से स्थापित हैं।

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