यमुना में मिलाकर बहाया जा रहा घरेलू और औद्योगिक कचरा

अदालत ने दिल्ली सरकार की 29 अगस्त 2025 की एक्शन टेकन रिपोर्ट को अन्य रिपोर्टों से विपरीत बताते हुए कहा कि बिना ब्लेम गेम के तीन मुख्य पहलुओं पर व्यापक कदम उठाने की जरूरत है

हाईकोर्ट ने यमुना नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) और कॉमन एंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (सीईटीपी) की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम. सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की डिवीजन बेंच ने फैसले में कहा कि दिल्ली में घरेलू सीवेज और औद्योगिक कचरे का मिश्रण हो रहा है।

ज्यादातर इंडस्ट्रीज बिना ट्रीटमेंट के कचरा नालों में डाल रहे जिससे उपचारित पानी के साथ मिलकर यमुना में बह रहा है। इससे ट्रीटमेंट का पूरा उद्देश्य बेकार हो जाता है। अदालत ने दिल्ली सरकार की 29 अगस्त 2025 की एक्शन टेकन रिपोर्ट को अन्य रिपोर्टों से विपरीत बताते हुए कहा कि बिना ब्लेम गेम के तीन मुख्य पहलुओं पर व्यापक कदम उठाने की जरूरत है

ड्रेनेज मास्टर प्लान : दिल्ली के मौजूदा स्टॉर्म वाटर और सीवेज ड्रेन सिस्टम का नक्शा तैयार किया जाए। आईआईटी-दिल्ली द्वारा 2018 में तैयार ड्रेनेज मास्टर प्लान को अपडेट किया जाए। मुख्य सचिव जीएनसीटीडी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कंसल्टेंट रिपोर्ट्स : नजफगढ़ बेसिन (एम/एस हास्कोनिंग डीएचवी कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड), बारापुला बेसिन और ट्रांस-यमुना बेसिन (एम/एस ग्रीन डिजाइन एंड इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड) के लिए कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट्स कोर्ट में पेश की जाएं। मुख्य सचिव इनकी सिफारिशों पर फैसला लें, लेकिन अगली सुनवाई तक कोई टेंडर जारी न किया जाए। एजेंसियां कोर्ट में हाजिर हो सकती हैं।

एसटीपी और सीईटीपी पर एक्शन : दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) एसटीपी के लिए व्यापक एक्शन प्लान पेश करे। सीईटीपी के लिए दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) को पार्टी बनाया गया है। डीपीसीसी को 19 सितंबर 2025 को हाजिर होकर सभी इंडस्ट्रियल एरिया का चार्ट पेश करना होगा, जिसमें कचरे के ट्रीटमेंट की मॉनिटरिंग, इंडस्ट्रीज में ट्रीटमेंट प्लांट्स की जानकारी शामिल हो।

दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीएसआईआईडीसी) को 13 सीईटीपी की अपग्रेडेशन पर स्टेटस रिपोर्ट और बवाना-नरेला इंडस्ट्रीज का चार्ट एक सप्ताह में दाखिल करने का निर्देश दिया है। आईडीएमसी के स्पेशल सेक्रेटरी संदीप मिश्रा को 19 सितंबर को हाजिर होने को कहा गया है। अदालत ने कहा कि यमुना में प्रदूषण रोकने के लिए प्रभावी कदम जरूरी है, अन्यथा स्थिति और बिगड़ेगी। डीपीसीसी के वकील को नोटिस जारी किया गया है। अगली सुनवाई 19 सितंबर 2025 को डीपीसीसी के लिए और 29 अक्तूबर 2025 को एसटीपी के एक्शन प्लान पर होगी।

अदालत ने लोकल कमिश्नरों- विवेक कुमार टंडन, वृंदा भंडारी और प्रवीण गुप्ता- की रिपोर्टों का हवाला देते हुए चौकाने वाले तथ्य बताए। इनमें शामिल हैं…

दिल्ली भर में घरेलू और औद्योगिक कचरे का मिश्रण

ज्यादातर इंडस्ट्रीज बिना ट्रीटमेंट के कचरा नालों में डाल रही हैं

एसटीपी और सीईटीपी से निकलने वाला ट्रीटेड पानी अनट्रीटेड कचरे के साथ मिलकर यमुना में बहता है

सीईटीपी का कम उपयोग, पाइपलाइनों में जंग और टूट-फूट

ज्यादातर प्लांट्स में इनलेट-आउटलेट फ्लो मीटर और लाइव मॉनिटरिंग की कमी, हालांकि कुछ में लाइव रीडिंग उपलब्ध है

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