मोदी सरकार में ही इस शख्स को भेजा गया डिटेंशन सेंटर, अब बताई पूरी हकीकत
गुवाहाटी स्थित सेवानिवृत्त सेना अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह रविवार को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टेलीवीजन भाषण को देखते हुए मुस्कुराने लगे। एक इंग्लिश न्यूज़ वैबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक जब पीएम मोदी रामलीला मैदान से चिल्ला-चिल्ला कर लोगों से ये कह रहे थे कि देश में किसी भी मुस्लिम को डिटेंशन सेंटर में नहीं भेजा जा रहा है, ना ही भारत में कोई डिटेंशन सेंटर है, तब सनाउल्लाह मुस्कुरा रहे थे।
पीएम नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर रिटायर्ड आर्मी अफसर ने अपना दर्द बयां किया है। सनाउल्लाह ने पीएम की इस बात पर कहा कि तो वह जगह कौन सी थी जहां मैंने अपनी ज़िंदगी के 11 भयानक दिन गुजरे? अगर मुझे राज्य मशीनरी द्वारा डिटेंशन सेंटर में नहीं भेजा गया होता, तो शायद मैं मुस्लिम भी नहीं होता।
बता दें कि इसी साल मई महीने में कारगिल युद्ध में शामिल रहे सेना के पूर्व अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी घोषित कर उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेज गया था। हालांकि कुछ दिन बाद ही उन्हें डिटेंशन सेंटर से रिहा कर दिया गया था। उनके परिवार ने विदेशी न्यायाधिकरण के इस फैसले के खिलाफ गुवाहाटी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसी तरह एक बुजुर्ग महिला को भी विदेशी घोषित कर डिटेंशन सेंटर में भेज दिया गया था, उन्हें तीन साल हिरासत में रखने के बाद रिहा किया गया।
खोपनिकुची में लगभग 40 किमी पश्चिम में रहने वाले सेक्सगेनरियन रेहात आली भी पीएम मोदी का बयान सुन कर हंस पड़े। रेहात ने कहा कि पीएम सही कह रहे हैं। यह वास्तव में नरक है, डिटेंशन सेंटर नहीं है।” रेहात को 13 मई को गौहाटी उच्च न्यायालय ने भारतीय घोषित करने के बाद रिहा कर दिया। उनके बेटे लुकमान ने कहा कि अब ऐसा लगता है कि मेरे पिता को जीवन का आनंद लेने के लिए पिकनिक पर भेजा गया था।
13 अक्टूबर को तेजपुर डिटेंशन सेंटर में दो साल बिताने के बाद स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं से मरने वाले दुलाल पॉल के परिवार ने कहा कि ऐसे केंद्रों इस देश में नहीं है ऐसा बोलकर उनकी मृत्यु का उपहास किया है। उनके तीन बेटों में से एक ने कहा कि अगर कोई डिटेंशन सेंटर नहीं हैं, तो मेरे पिता को विदेशी घोषित किए जाने के बाद उन्हें वहां भेजा भी नहीं गया होगा। ऐसे में सरकार को उन्हें वापस जीवित करना चाहिए।
रविवार को दिए गए भाषण में पीएम ने कहा कि इस देश में एनआरसी पर झूठ चलाया जा रहा है। यह कांग्रेस के जमाने में बना था, तब सोए थे क्या? हमने तो बनाया नहीं, संसद में आया नहीं, न कैबिनेट में आया है, न उसके कोई नियम-कायदे बने हैं। हव्वा खड़ा किया जा रहा है। मैंने पहले ही बताया- इसी सत्र में आपको जमीन, मकान का अधिकार दे रहे हैं तो दूसरा कानून आपको निकाल देने के लिए बनाएंगे क्या?