मोदी सरकार ने लांच किया एक और रजिस्‍टर, NRC-NPR पर पहले ही मचा है बवाल

नई दिल्‍ली। राष्‍ट्रीय नागरिक रजिस्‍टर और राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर पर मचे बवाल के बीच मोदी सरकार ने एक और रजिस्‍टर लांच किया है। सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) के नाम से लांच इस रजिस्‍टर के माध्‍यम से खो चुके या फिर चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगाया जा सकेगा। अभी केवल दिल्‍ली-एनसीआर में ही इसका लाभ मिलेगा। बाद में पूरे देश के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सितंबर में मुंबई में इसकी शुरुआत की गई थी।

सीईआइआर डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल का लाभ लेने के लिए सबसे पहले पुलिस में रिपोर्ट लिखाकर खोए या चोरी हुए नंबर को ब्लॉक कराना होगा। एफआइआर की कॉपी और आइडी प्रूफ के साथ नए सिम कार्ड के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद आईएमईआई ब्लॉक कराने के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा। इस पर एक रिक्वेस्ट आइडी मिलेगी, जिससे पोर्टल पर अपने मोबाइल फोन की स्थिति पर नजर रख सकेंगे। मोबाइल फोन मिलने पर आप आईएमईआई को अनब्लॉक कर सकते हैं।

इसके लिए दूरसंचार विभाग ने सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआइआर) नाम से एक प्रणाली विकसित की है और इसे सभी मोबाइल ऑपरेटरों के आइएमईआइ डाटाबेस से कनेक्ट किया है। सीईआइआर में सभी मोबाइल ऑपरेटर अपने नेटवर्क पर ब्लॉक मोबाइल सेट्स का डाटा साझा करते हैं, ताकि वह मोबाइल फोन दूसरे नेटवर्क पर भी काम न कर सके। खोया या चोरी हुआ मोबाइल फोन सिम कार्ड बदलने के बाद भी काम नहीं करता है। इससे फोन के लौटाने या चोर के पकड़े जाने की संभावना बढ़ जाती है।

कुछ मामलों में एक आईएमईआई नंबर पर एक से ज्यादा हैंडसेट मिले हैं। ऐसे में आईएमईआई नंबर ब्लॉक करने पर उसी आइएमईआइ वाला दूसरा फोन भी ब्लॉक हो सकता है। नई व्यवस्था में एक जैसे आइएमईआइ नंबर होने पर भी केवल उसी फोन को ब्लॉक करना संभव होगा, जो चोरी हुआ है या खोया है।

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