मोदी के बाद देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे अमित शाह? खुद दिया जवाब

नई दिल्‍ली। पीएम मोदी का कार्यकाल खत्‍म होने के बाद क्‍या अमित शाह देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे? इस सवाल के जवाब में देश के मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह ने बहुत ही बेबाकी से जवाब दिया। शाह का जवाब सुनकर पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

दरअसल समाचार चैनल आजतक के खास कार्यक्रम एजेंडा आजतक में एंकर ने गृहमंत्री अमित शाह से यह सवाल किया था। इसके जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह अभी बहुत जूनियर हैं और पार्टी में उनसे कई बड़े नेता हैं।

अमित शाह ने आगे कहा कि हमारी पार्टी में फैसले पार्टी करती है। वह इस दौड़ में नहीं हैं, हम सबका अभी यही सपना है कि मोदी जी सफल हों और नया भारत ऐसे मुकाम पर पहुंचे जिसका सपना हमारे आजादी के सेनानियों ने देखा था।

क्या आप अपने आप को कभी पीएम के बारे में सोचते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में मेरी पार्टी सोचती है। एजेंडा आजतक के समापन सत्र ‘शाह है तो संभव है’ में हुए उन्होंने कहा कि धारा 370, एनआरसी, नागरिकता संशोधन जैसे सभी कानून कांग्रेस के दौर के हैं और पिछले 70 साल से देश इनको लागू करने का इंतजार कर रहा था।

उन्होंने कहा कि हम कहां जल्दी में हैं, 70 साल हो गए। अभी कोई चुनाव भी नहीं है, हम चुनाव के लिए यह नहीं कर रहे। हम सरकार चलाने के लिए नहीं, देश की समस्याओं का समाधान करने आए हैं। हम राजनीति नहीं करना चाहते देश को अच्छा बनाना चाहते हैं।

एंकर के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि नागरिता संशोधन कानून (CAA) पर देश की जनता को आश्वस्त करते हुए अमित शाह ने कहा कि इस एक्ट से किसी को रत्ती भर नुकसान नहीं होगा। ये तो सिटीजनशिप देने का कानून है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के प्रताड़ि‍त हिंदुओं, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और ईसाई लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया।

अमित शाह ने नेहरू, पटेल, गांधी और मनमोहन सिंह का हवाला देते हुए यह साबित किया इन सभी नेताओं ने पाकिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने का समर्थन किया था। राजस्थान के कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने 2009 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को एक पत्र लिखकर मांग की थी जो विस्थापित आए हैं, उनको भारत की नागरिकता दी जाए।

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