
इस्लामाबाद( 3 अक्टूबर): पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को 2007 में उनके पाकिस्तान लौटने से पहले धमकी दी थी। यह दावा एक अमेरिकी पत्रकार ने किया है हालांकि पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ ने इस आरोप से इंकार किया है।
दो बार प्रधानमंत्री रहीं भुट्टो की दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में बम हमले में हत्या कर दी गई थी। उस समय मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति थे। मामले में एक आरोपी के तौर पर पूर्व जनरल पर मुकदमा चलाया गया है।
अमेरिकी पत्रकार और लॉबीस्ट मार्क सीगल ने कल अपनी गवाही में कहा था कि मुशर्रफ ने उनकी मौजूदगी में बेनजीर को फोन मिलाया था और उन्हें पाकिस्तान लौटने से पहले धमकी दी थी। वहीं मुशर्रफ ने इस तरह का कोई फोन करने की बात को खारिज कर दिया है और कहा कि वह उस वक्त मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करते थे। मुशर्रफ ने कहा कि उन्हें आरोपों के पीछे साफतौर पर साजिश दिखाई देती है। उनके मुताबिक उन्होंने अप्रैल 2009 में मोबाइल फोन का इस्तेमाल शुरू किया था जबकि बेनजीर की हत्या करीब दो साल पहले कर दी गई थी। उन्होंने अमेरिकी पत्रकार के आरोपों को गलत बताते हुए उन पर अफसोस जताया।
सीगल ने वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास से वीडियो लिंक के माध्यम से रावलपिंडी में आतंकवाद निरोधक अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। मामले में मुकदमे को अंतिम रूप देने के लिए उनकी गवाही को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुशर्रफ 1999 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे थे। उन पर कई मामले चल रहे हैं और वह कराची में रहते हैं। उन्हें देश छोड़कर जाने की इजाजत नहीं है।