मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ 14 सदस्यीय टीम पहुंची रांची, बैठकों का दौर जारी

रांचीः लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग की टीम दो दिवसीय झारखंड दौरे पर आई है. रांची पहुंचते ही आयोग की टीम लगातार अलग-अलग बैठकें कर रही है. टीम का नेतृत्व खुद मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा कर रहे हैं. सनील अरोड़ा 14 सदस्यीय टीम के साथ रांची में मौजूद है. बुधवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुबह 9 बजे से 10.30 तक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है.

वहीं, इसके बाद भी बैठकों का दौर जारी है. 10.30 से 1.30 बजे तक जिला निर्वाचन पदाधिकारियों, आरक्षी अधीक्षकों और प्रमंडलीय आयुक्तों तथा जिला प्रशासन के दूसरे अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिया है. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि के साथ बैठक करने के बाद सभी नेताओं ने खुशी जाहिर की है. साथ ही अपनी-अपनी शिकायतें भी रखी है.

निर्वाचन आयोग से मिलने के बाद बीजेपी विधायक राधा कृष्ण किशोर ने कहा मतदान केंद्र से लेकर निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर हम सभी से राय मांगी गई थी. हमलोगों ने कहा कि चुनाव के लिए तैयार है, मतदान केंद्रों को दूसरे जगह अचानक स्थापित करने से लोगों को परेशानी होती है. बीएलओ को द्वारा दिये गए मतदान काफी नहीं होता. उस पर्ची से कोई अन्य भी मतदान कर देते हैं. उस पर्ची के साथ साथ कोई प्रमाण पत्र ले जाना अनिवार्य किेए जाने की मांग की है.

चुनाव आयोग से मिलने के बाद कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड एक उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र है. और यहां निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हम लोगों ने चुनाव आयोग के समक्ष कई मांग रखे हैं. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में कई गांव के बीच एक बूथ बना दिए जाते हैं, जहां कि लोगों को 10 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचना पड़ता है. ऐसे में लोग वहां नहीं पहुंच पाते हैं और खासकर उस बुथ पर ईवीएम में 1500 लोगों के द्वारा वोट डाले जा सकते हैं लेकिन उस गांव की जनसंख्या 17 सो है तो 200 लोगों के वोट को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाता है. यह बिल्कुल गलत है इसे सुधार करने की हम लोगों ने मांग की है.

चुनाव आयोग की टीम से मिलने के बाद जेएमएम नेता स्टीफन मरांडी ने कहा कि चुनाव के दरमियान पार्टी के कार्यक्रमों में परमिशन के चलते काफी परेशानी होती है. हमलोग चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन ले लेते हैं, और ऐन मौके पर सारी तैयारियां हो जाने के बाद परमिशन रद्द कर दिया जाता है. ऐसे में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने की मांग की और हमलोगों को परमिशन के लिए दर-दर भटकना पड़े इसकी मांग की है.

चुनाव आयोग से मिलने के बाद जेवीएम नेता के के पोद्दार ने कहा कि हम सबों ने भी चुनाव खर्च का ब्यौरा जमा करने के समय अवधि को बढ़ाने की मांग की चुनाव प्रचार के दौरान ध्वनि प्रदूषण गाड़ी के लिए परमिशन और पार्टी की मीटिंग के लिए परमिशन लेना पड़ता है, और इसके लिए दर-दर भटकना पड़ता है तो तमाम चीजों के परमिशन के लिए एक सेंटर बनाया जाए. लेकिन इलेक्शन कमीशन ने कहा कि यह व्यवस्था  2016 से लागू हो गई है. लेकिन झारखंड में पहली बार इस चुनाव में लागू होंगे और इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है.

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