मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने BJP के घोषणा पत्र को लेकर कहा कुछ ऐसा….
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र को देशवासियों के साथ भद्दा मजाक बताया। कहा कि यह झूठ व जुमलों का एक और पुलिंदा है। इस पार्टी के पहले वादों की पूर्ति के लिए पिछले पांच सालों का व्यर्थ इंतज़ार करने के बाद खुदगर्ज सत्ता पक्ष ने एक बार फिर देश के लोगों को कुछ भी नहीं दिया।
कैप्टन ने कहा कि भाजपा द्वारा लोगों को एक बार फिर मूर्ख बनाने की कोशिश इन चुनाव में उसके लिए बहुत महंगी साबित होगी। यह पार्टी अपने पहले वायदों को पूरा करने में नाकाम रही है और अब भी लोगों से संबंधित मुख्य मुद्दों को दरकिनार कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र न तो नौकरियों की बात करता है और न ही हरेक नागरिक को 15 लाख रुपये मिलने संबंधी पहले किए वायदे को पूरा करने का जिक्र करता है। इस घोषणा पत्र में नरेंद्र मोदी की जुमला सरकार के जुमलों की लंबी-चौड़ी सूची से अधिक और कुछ नहीं है। इस दस्तावेज़ में समाज के किसी भी वर्ग का जीवन स्तर ऊंचा उठाने संबंधी भी कोई जिक्र नहीं है।
कैप्टन ने कहा कि किसान तो लगातार आत्महत्याओं का रास्ता अपना रहे हैं, जबकि भाजपा ने किसानों के लिए अति अपेक्षित राष्ट्रीय कर्जमाफी स्कीम का ऐलान करना भी वाजिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘न्याय’ स्कीम के तुरंत बाद प्रधानमंत्री किसान स्कीम का विस्तार करने का वादा करना इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को दिखाई दे रही अटल हार की निराशा को जाहिर करता है।
किसानों को कर्ज मुक्त करने में कोई रुचि नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को कर्ज के भारी बोझ में से निकालने के लिए उनके सिर चढ़ा कर्ज माफ करने के बजाय भाजपा ने नए कृषि क्रेडिट कार्ड कर्ज के रूप में और कर्ज देने का वादा किया। यह स्पष्ट है कि भाजपा किसानों को कर्ज से राहत देने में कोई रुचि नहीं दिखा रही। पार्टी किसानों को वित्तीय बोझ तले दबाए रखना चाहती है, जबकि मुट्ठीभर उद्योगपति खुशहाल होते जा रहे हैं।
सेनाओं की सफलता पर सियासत शर्मनाक
भाजपा द्वारा रक्षा सेनाओं की शानदार प्राप्तियों पर अपनी सियासत चमकाने की कोशिशें जारी रखने को कैप्टन ने शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी की तरफ से अपने चुनावी घोषणा पत्र में हथियारबंद सेनाओं की सफलताओं पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। भाजपा नेता संवाद और शिक्षा तो राष्ट्रवाद की देते हैं, लेकिन राजनीति फूट-डालने और सांप्रदायिकता की करते हैं जिस कारण इनके झूठ का पर्दाफाश होने के साथ-साथ संकुचित मानसिकता का भी पता चलता है।