मीटिंग के समय अचानक से अपने सारे कपड़े उतारने लगी महिला, मचा हड़कंप

बोर्ड मीटिंग नॉर्मल ढंग से चल रही थी। अधिकारी और शिक्षक नीतियों पर चर्चा कर रहे थे। तभी बेथ बॉर्न नाम की महिला अचानक खडी हुईं और विरोध करने लगीं। विरोध के दौरान उन्होंने धीरे धीरे अपने कपड़े उतार दिए।
अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य से हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया। यहां एक महिला ने स्कूल की बोर्ड मीटिंग के दौरान अचानक ऐसा काम कर दिया कि वहां मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। दरअसल यह महिला बैठक के बीचोबीच सबके सामने अपने कपडे उतारने लगी और फिर सिर्फ बिकिनी पहनकर भाषण देने लगी। यह घटना डेविस जॉइंट यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट की बोर्ड मीटिंग में हुई थी। तो आज की इस खबर में हम
घटना कैसे हुई?
बोर्ड मीटिंग नॉर्मल ढंग से चल रही थी। अधिकारी और शिक्षक नीतियों पर चर्चा कर रहे थे। तभी बेथ बॉर्न नाम की महिला अचानक खडी हुईं और विरोध करने लगीं। विरोध के दौरान उन्होंने धीरे धीरे अपने कपड़े उतार दिए। जब तक लोग समझ पाते वह सिर्फ बिकिनी में खड़ी होकर बोल रही थीं। इस अनोखे कदम से वहां अफरातफरी मच गई और कुछ ही मिनटों में बैठक स्थगित कर दी गई।
महिला कौन है?
इस घटना में शामिल महिला कोई नॉर्मल व्यक्ति नहीं थीं। वह मॉम्स फॉर लिबर्टी नामक संगठन की अध्यक्ष हैं। यह संगठन अमेरिका में शिक्षा से जुडे़ कई मुद्दों पर सक्रिय है और अक्सर विवादों में भी रहता है। न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेथ बॉर्न पहले भी इस तरह के विरोध कर चुकी हैं।
विरोध किस बात पर था?
असल में बोर्ड मीटिंग में ट्रांसजेंडर छात्रों से जुड़ी नीतियों पर चर्चा हो रही थी। जिला प्रशासन ने ऐसा नियम बनाया था जिसके तहत ट्रांसजेंडर छात्र अपनी इच्छा के मुताबिक लॉकर रूम और बाथरूम का इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी अगर कोई छात्रा खुद को महिला मानती है तो वह लड़कियों वाले लॉकर रूम या शौचालय का उपयोग कर सकती है। यही नीति बेथ बॉर्न को पसंद नहीं आई। उनका मानना था कि इस नियम से बाकी छात्राएं असुरक्षित महसूस करती हैं। इसी का विरोध जताने के लिए उन्होंने नाटकीय अंदाज में कपड़े उतार दिए ताकि बोर्ड के सदस्य समझ सकें कि बच्चों को शारीरिक शिक्षा की क्लास के दौरान कपडे बदलते वक्त कैसी स्थिति झेलनी पडती है।
महिला ने क्या कहा?
कपड़े उतारने के बाद बेथ बॉर्न ने कहा, “मैं डेविस यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट की एक अभिभावक हूं। मैं यहां आई हूं ताकि आप सबको यह समझा सकूं कि जब छात्राओं को लॉकर रूम में कपड़े बदलने पड़ते हैं तो उन्हें कैसी असहजता महसूस होती है। मौजूदा नीतियों के कारण लड़कियों को और भी डर लगता है।” उनका कहना था कि इस तरह की व्यवस्था से छात्राओं की निजता और सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह अपने कपड़े इसलिए उतार रही हैं ताकि अधिकारी यह महसूस कर सकें कि छात्राओं पर क्या असर पड़ता है।