मात्र 2 मिनट में पढ़े बजट की सभी घोषणाएं, किसानों से लेकर…

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण कालिक बजट आज लोकसभा में पेश किया गया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस बजट को पेश किया गया। पीली साड़ी पहनी वित्तंत्री ने दो घंटे चालीस मिनट तक बजट भाषण दिया। इस दौरान सरकार द्वारा देश को दी गई सौगातों और नई योजनाओं का जिक्र किया गया। बजट भाषण की शुरुआत करते हुए वित्तमंत्री ने सबसे पहले दिवंगत वित्तमंत्री रहे अरुण जेटली को श्रध्दांजलि दी। इसके बाद बजट भाषण पढ़ना शुरू किया। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, किसान, युवाओं सहित अन्य सेक्टर को लेकर निर्मला सीतारमण ने कई बड़ी घोषणाएं की हैं। जानें वित्तमंत्री ने किस सेक्टर को आखिर क्या दिया।
टैक्स स्लैब में बड़ा सुधार
मोदी सरकार ने इस बार टैक्स स्लैब में बड़ा सुधार किया है। बजट में नए टैक्स को चुनने का विकल्प दिया गया है। इसमें नए स्लैब में पुराने स्लैब की तुलना में लगने वाले टैक्स की दरों को कम किया गया है, हालांकि इसमें दी जाने वाली टैक्स छूट नहीं ली जा सकेगी।
नए टैक्स स्लैब को चार भागों में बाटा गया है। 5 लाख से 7.5 लाख तक की आमदनी पर 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा जो पहले 20 फीसदी था। 7.5 लाख से 10 लाख तक की इनकम पर 15 फीसदी की दर से कर देना होगा जो पहले 20 प्रतिशत था। 10 लाख से 12.5 लाख तक की आमदनी पर 20 फीसदी दर से टैक्स लगेगा जो पहले 30 फीसदी दर से लिया जाता था। 12.5 लाख से 15 लाख तक आमदनी पर 25 फीसदी इनकम टैक्स लगेगा जो पहले 30 प्रतिशत था। 15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर पूर्व की तरह ही 30 प्रतिशत टैक्स चुकाना होगा। अगर टैक्स पेयर्स पुराने स्लैब के हिसाब से ही टैक्स भरना चाहते हैं तो उन्हें टैक्स छूट का लाभ मिलेगा।
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बैंक डिपॉजिट का 5 लाख तक होगा इंश्योरेंस
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक खाताधारकों को बड़ी राहत दी है। अब तक बैंक में जमा राशि पर सिर्फ एक लाख तक की सुरक्षा सरकार द्वारा मुहैया कराई जाती थी, जिसे अब बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब है कि अगर बैंक डूब जाता है तो सरकार द्वारा पांच लाख रुपए तक की राशि कस्टमर को लौटाई जाएगी।
2022 तक किसानों की दोगुनी आय का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने बजट में किसानों की आय साल 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य भी रखा है। इसके लिए सरकार ने 16 एक्शन प्लान लिए हैं। इन 16 योजनाओं पर सरकार द्वारा 2.83 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। इसमें कृषि और सिंचाई के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये की रकम दी जानी है। पीएम कुसुम योजना के तहत सरकार 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में आर्थिक मदद उपलब्ध कराएगी। 100 जिले जो जलसंकट से प्रभावित हैं उनके लिए सरकार विस्तृत योजना लाएगी। किसानों को 15 लाख करोड़ रुपए का कर्ज देने का लक्ष्य रखा गया है। यहीं नहीं सरकार ने मिल्क प्रोसेंसिंग क्षमता को 08 मिलियन टन जबकि फिश उत्पादन का लक्ष्य 208 मिलियन टन किया है।
हेल्थ सेक्टर में की यह घोषणाएं
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हेल्थ सेक्टर के लिए भी कई घोषणाएं की हैं। बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 6400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। मिशन इंद्रधनुष का दायरा बढ़ाकर इनमें 12 बीमारियों को शामिल किया गया है। इसके अलावा 5 वैक्सीन भी जोड़े गई हैं। देश के मेडिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विदेश से आने वाले मेडिकल उपकरण में इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है। इससे आने वाले पैसे से अस्पतालों का निर्माण कराया जाएगा। वित्त वर्ष 2020-21 में स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सरकारने 2025 तक TB की बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखा है।
रेल के क्षेत्र में हुई यह घोषणाएं
बजट में इस बार सरकार 27 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन करने जा रही है। इसके अलावा 150 नई ट्रेनें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिये शुरू की जाएंगी। तेजस ट्रेने के जरिये देश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को जोड़ने की भी योजना है। इन योजनाओं पर 18,600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेल पटरियों के किनारे सोलर पॉवर ग्रिड बनेंगे। 148 किलोमीटर में बेंगलुरू ऊपनगरीय ट्रेन सिस्टम बनाया जाएगा, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से 25 प्रतिशत आर्थिक मदद दी जाएगी।
शिक्षा के क्षेत्र में यह बड़ी घोषणाएं
देश में नई शिक्षा नीति की घोषणा जल्द की जाएगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान इसकी जानकारी दी। मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थान शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें स्किल्ड ट्रेनिंग दी जाएगी। क्वालिटी एजुकेशन के लिए डिग्री वाली ऑनलाइन योजनाएं शुरू होंगी। डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए हर जिला अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज बनेगा। बजट में शिक्षा के लिए 99 हजार 300 करोड़ जबकि स्किल डेवलपमेंट के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
LIC, IDBI का हिस्सा बेचेगी सरकार
वित्तमंत्री ने इस बार बजट पेश करने के दौरान बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सरकार लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) का अपना हिस्सा निजी कंपनियों को बेचेगी। इसका मकसद विनिवेश प्रक्रिया को बढ़ाना है। यहीं नहीं IDBI बैंक में भी हिस्सेदारी बेची जाएगी। सरकार का यह फैसला काफी बड़ा माना जा रहा है। इसे लेकर विपक्ष द्वारा हंगामा भी किया गया था।
बजट में किसान रेल का प्रावधान
सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से भारतीय रेल द्वारा किसान रेल सेवा शुरू करने का प्रस्ताव। दूध, मांस और मछली जैसे जल्द खराब होने वाले उत्पादों के लिए राष्ट्रीय प्रशीतन आपूर्ति श्रृंखला बनाने और एक्सप्रेस और मालगाडि़यों में प्रशीतन डिब्बे लगाने का प्रस्ताव शामिल है।
पीएम-कुसुम योजना का विस्तार करते हुए 20 लाख किसानों को सौर ऊर्जा पंप लगाने में मदद। अतिरिक्त 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े पंप सेटों को सौर ऊर्जा चलित बनाने और किसानों को खाली जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में मदद की योजना भी बजट में शामिल। ग्राम भंडारण योजना के तहत किसानों के लिए स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित भंडारण व्यवस्था, ताकि उत्पादों पर लॉजिस्टिक लागत कम हो सके। महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को फिर से धन्य लक्ष्मी का स्थान पाने में मदद दी जाएगी। नाबार्ड द्वारा कृषि भंडारो, कोल्ड स्टोरों तथा प्रशीतन वैन सुविधाओं का नक्शा बनाना और उनका जीओ टैगिंग किया जाएगा।
वेयर हाउस, भंडार गृहों के लिए यह नियम
खंडों और तालुका स्तर पर भंडार गृह बनाने के लिए पूंजी की कमी की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी। भारतीय खाद्य निगम और केन्द्रीय भंडारण निगम भी अपनी जमीन पर ऐसे भंडार गृह बनाएगे। नेगोशिएबल वेयरहाऊसिंग रिसीट पर किया जाने वाला वित्त पोषण ई-नाम के साथ एकीकृत किया जाएगा।
दुग्ध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य
सरकार साल 2025 तक दूध उत्पादन की क्षमता 53.5 मिलियन एमटी से दोगुना कर 108 मिलियन एमटी के स्तर पर पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। कृत्रिम गर्भाधान की कवरेज को भी मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाएगा। चारागाह को विकसित करने के लिए मनेरगा का संयोजन होगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में 69 हजार करोड़ का आवंटन
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 6400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, वहीं इसके अंतर्गत 20,000 से भी अधिक अस्पतालों को पैनल में पहले ही शामिल किया जा चुका है। पीपीपी व्यवस्था के तहत अस्पतालों के निर्माण के लिए कम पड़ रही राशि के इंतजाम वाली विंडो अथवा प्रकोष्ठ बनाने का प्रस्ताव किया गया है। जन औषधि केन्द्र योजना के तहत वर्ष 2024 तक सभी जिलों में 2000 दवाओं और 300 शल्य चिकित्सा की पेशकश की जाएगी।
छोटे निर्यातकों के लिए प्रीमियम में कमी
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस के कारोबार को बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचाने का प्रस्ताव किया गया है। ‘निर्यात उत्पादों पर शुल्कों एवं करों में संशोधन के लिए योजना’ शुरू की जाएगी। प्रधानमंत्री के जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट विनिर्माण विज़न के तहत सभी मंत्रालय गुणवत्ता मानक जारी करेंगे।
राजमार्गों का किया जाएगा विकास
वित्तमंत्री के द्वारा पेश किए गए इस बजट में राजमार्गों के तेजी से विकास पर ध्यान दिया जाने की बात कही गई है। इसमें पहुंच नियंत्रण राजमार्ग- 2500 किलोमीटर, आर्थिक गलियारा- 9000 किलोमीटर, तटीय और भूमि पत्तन सड़के- 2000 किलोमीटर, रणनीतिक राजमार्ग- 2000 किलोमीटर, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और दो अन्य पैकेज 2023 तक पूरे हो जाएगे। चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेस-वे की शुरूआत होगी। 6000 किलोमीटर से अधिक की लम्बाई वाले 12 राजमार्ग समूहों के मुद्रीकरण का प्रस्ताव।
100 हवाई अड्डों का होगा विकास
उड़ान योजना के तहत 100 और हवाई अड्डों को 2024 तक पुनर्विकसित किया जाएगा। इस दौरान हवाई जहाजों की संख्या वर्तमान के 600 से 1200 हो जाने की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा स्मार्ट मीटर को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार ने प्रावधान किया है।
ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए बजट में 22000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव लाया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय गैस-ग्रिड का वर्तमान के 16200 किलोमीटर से 27000 किलोमीटर के विस्तार किया जाएगा।
डेटा सेंटर पार्क बनाने की नीति लाई जाएगी
निजी क्षेत्र द्वारा देशभर में डेटा सेंटर पार्क बनाने की नीति जल्द लाई जाएगी। भारतनेट के जरिये
इस साल 1 लाख ग्राम पंचायतों को फाइबर-टू-द-होम से जोड़ा जाएगा। भारतनेट कार्यक्रम के लिए 6000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है।
स्टार्ट-अप्स को मिलेंगे यह लाभ
वित्तमंत्री के बजट में स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहन देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने का कहा गया है। नए और उभरते क्षेत्रों समेत विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में ज्ञान अनुवाद क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। जेनेटिक लैंडस्केप की मैपिंग और व्यापक डाटाबेस तैयार करने के लिए दो नए राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान योजनाओं की शुरुआत की जाएगी।
महिलाओं के लिए यह बड़ी घोषणाएं
पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए इस बार सरकार ने 35 हजार 600 करोड़ का बजट आवंटित किया है। महिला विशेष कार्यक्रमों के लिए बजट 28 हजार 600 करोड़ का रखा गया है। अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए 85,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया। वहीं सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों के लिए 9,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया।
5 पुरातत्व स्थलों का होगा विकास
इस बार बजट में 2500 करोड़ रुपए का आवंटन पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
पांच राज्यों में पुरातत्व स्थलों का विकास किया जाएगा। यह राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धौलाविरा (गुजरात) और अदिचनल्लूर (तमिलनाडु) में बनाए जाएंगे।
पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन पर की यह घोषणा
पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। सरकार ने ज्यादा मात्रा में कार्बन उत्सर्जन करने वाले विद्युत संयंत्रों के लिए मानकों के हिसाब से ना चलने की सूरत में उसे बंद करने का कहा है। वहीं 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों में राज्यों के द्वारा बनाई जा रही योजनाओं को कार्यान्वित करते हुए उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा।
बैंकों में सुधार के लिए उठाए ये कदम
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों में सुधार कार्यक्रम के तहत 10 बैंकों को 4 बैंकों में मिला दिया गया। इसके लिए 3,50,000 करोड़ रुपये की पूंजी दी गई। ऋण वसूली के लिए एनबीएफसी की पात्रता सीमा घटाई गई है।
PFRDAI की नियामक भूमिका को मजबूत किया
PFRDAI से सरकार कर्मचारियों के लिए NPS ट्रस्ट को अलग करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। सरकारी कर्मचारियों से भिन्न कर्मचारियों द्वारा पेंशन ट्रस्ट की स्थापना हो पाएगी। एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट के माध्यम से पूरी गारंटी होगी। सरकार द्वारा तदनुसार सीजीटीएमएसई के लिए धन जुटाया जाएगा।
MSME के लिए यह कदम उठाए
सरकार द्वारा एमएसएमइ उद्योंगों को बढ़ावा दिए जाने की मंशा है। एक्सिम बैंक और सिडबी द्वारा 1000 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है। इसके अलावा सरकार तकनीक विकास, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और बिजनेस स्ट्रेटेजी के लिए भी सहायता प्रदान करेगी।
ऐसा है राजकोषीय प्रबंधन
15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2020-21 से जुड़ी अपनी पहली रिपोर्ट दे दी है। इसकी सिफारिशें स्वीकार की गईं हैं। 2020-21 से शुरू होने वाले 5 वर्षों के लिए आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट वर्ष के बाद वाले हिस्से में प्रस्तुत करेगा।
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सरकार व्यय के संशोधित अनुमान 26.99 लाख करोड़ रुपये मान रही है। आय 19.32 लाख करोड़ होने की संभावना है। वहीं साल 2020-21 के लिए जीडीपी की बढ़ोतरी 10 प्रतिशत अनुमानित की गई है। इस वित्तीय वर्ष में सरकार को 22.46 लाख करोड़ आय अनुमानित है। वहीं व्यय 30.42 लाख करोड़ आंकी जा रही है।
संशोधित बजट अनुमान में 2019 का राजकोषीय घाटा 3.8 प्रतिशत है और बजट अनुमान 2020-21 में 3.5 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया है।
सीमा शुल्क बढ़ाया
केंद्र सरकार ने घरेलू उद्योंगों को बढ़ावा देने के लिए विदेश से आने वाले फुटवियर और फर्नीचर पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। फुटवियर पर 25% से बढ़ाकर 35% करने और फर्नीचर वस्तुओं पर 20% से बढ़ाकर 25% टैक्स करने का प्रावधान किया गया है। न्यूज प्रिंट और हल्के कोटेड पेपर के इम्पोर्ट पर बुनियादी आयात शुल्क को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया है। इलेक्ट्रिक वाहन और मोबाइल के पुर्जों पर सीमा शुल्क की दरों में संशोधन किया गया है। इसके अलावा चिकित्सा उपकरणों के आयात पर 5% स्वास्थ्य सरचार्ज लगाया गया है, जो BCD से छूट से अतिरिक्त होगा।
सहकारी संस्थाओं को यह दिया लाभ
सरकार ने इस बजट में सहकारी संस्थाओं और कार्पोरेट सेक्टर के बीच समानता लाने की कोशिश की है। सहकारी संस्थाओं को अब 30 फीसदी के बजाय 22 प्रतिशत कर, 4 प्रतिशत उपकर और सेस लगेगा।