महिला ने बनवाया नकली डिप्लोमा सर्टिफिकेट, 20 सालों तक अस्पताल में करती रही नौकरी!

दुनिया की किसी भी पेशे में गड़बड़ी सहन की जा सकती है, लेकिन डॉक्टरी के पेशे में जानबूझ कर की गई जरा सी भी गलती बहुत बड़ा गुनाह माना जाता है. यही वजह है कि फर्जी डॉक्टरों की खबर जल्दी सुर्खियां बन जाती है. दुनिया में कई लोग फर्जी डिग्री लेकर लोगों को धोखा देते हैं. पर एक महिला ने तो सरकार को ही बेवकूफ बना दिया और फर्जी कागज़ातों के दम पर 20 साल तक सरकारी संस्था में प्रैक्टिस भी करती रही और लाखों कमाती भी रही. ब्रिटन के इस हैरान करदेने वाले मामले में हाल ही में अदालत ने उस पर करीब 4 करोड़ 65 लाख का जुर्माना अदा करने की सजा दी है.
डॉक्टर बनने का सपना
ईरान में जन्मी जोलिया अलेमी और उनका परिवार 1990 के दशक की शुरुआत में ऑकलैंड, न्यूजीलैंड में आकर बस गया था. वहां उन्होंने मेडिसिन और सर्जरी में स्नातक की डिग्री हासिल करने की कोशिश की, लेकिन इसमें असफल रहीं. इस असफलता ने उनका डॉक्टर बनने के सपने को खत्म नहीं किया.
एक कानून की खामी
1990 के दशक के मध्य में वह यूके चली गईं, जहां उन्होंने एक कानूनी खामी का फायदा उठाया. यह कानून कॉमनवेल्थ देशों के डॉक्टरों को बिना अतिरिक्त परीक्षा दिए प्रैक्टिस करने की इजाज़त देता था. दरअसल यूके में काम करने के लिए विदेशों से डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टरों को PLAB परीक्षा देनी होती है. पर कॉमनेल्थ देशों के डॉक्टरों को इस परीक्षा से छूट होती है.
नौकरी कर 20 साल की प्रैक्टिस
अलेमी ने इसी का फायदा उठाया और यूके में अपनी फर्जी डिग्री और दस्तावेज तैयार कर लिए इन्हीं नकली दस्तावेजों के माध्यम से उसने यूके में प्रैक्टिस हासिल करने की अनुमति ले ली. अलेमी ने न्यूजीलैंड मेडिकल के नकली दस्तावेज़ों के जरिए एनएचएस मनोचिकित्सक के रूप में नौकरी भी हासिल कर ली. और तो और, उसने वहां 20 साल तक प्रैक्टिस तक ली.