मराठवाड़ा में सिर्फ छह महीनों में 537 किसानों ने की खुदकुशी

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल जनवरी से अक्तूबर तक 899 किसानों ने आत्महत्या की है। इनमें से 537 किसानों ने छह महीनों में आत्महत्या की, जब बाढ़ से उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

कृषि राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और योजनाओं व प्रोत्साहनों पर खर्च बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।

सिर्फ छह महीनों में 537 किसानों ने की आत्महत्या
छत्रपति संभाजीनगर संभागीय आयुक्त कार्यालय की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़े दिखाते हैं कि मराठवाड़ा में इस साल जनवरी से अक्तूबर तक रिकॉर्ड 899 किसानों ने आत्महत्या की है। इनमें 537 किसानों ने छह महीनों (एक मई से 31 अक्तूबर) में आत्महत्या की, जब भारी बारिश और बाढ़ ने कहर बरपाया था।

छत्रपति संभाजीनगर में सबसे अधिक किसानों ने आत्महत्या की
बीड और छत्रपतिसंभाजीनगर जिलों में सबसे अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। जिलावार किसानों की आत्महत्या के मामलों को देखें तो छत्रपति संभाजीनगर में रिकॉर्ड 112, जालना में 32, परभरणी में 45, हिंगोली में 33, नांदेड़ में 90, बीड में 108, लातूर में 47 और धराशिव में 70 किसानों ने इन छह महीनों में आत्महत्या की है।

अत्यधिक बारिश और बढ़ा ने बरपाया कहर
राज्य सरकार ने मराठवाड़ा क्षेत्र के प्रभावित किसानों के लिए लिए 32 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की, जिसमें छत्रपति संभाजीनगर, जालना, नांदेड़, परभरणी, हिंगोली, लातूर, बीड और धराशिव जिले शामिल हैं। अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण काफी क्षति हुई (20 सितंबर तक दर्ज), जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई। जबकि करीब 1300 घर क्षतिग्रस्त हुए और 357 मवेशी मारे गए।

किसान नेता ने आत्महत्याओं र दुख जताया
किसान नेता और पूर्व सांसद राजू शेट्टी किसानों की आत्महत्याओं पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश के बाद आई बाढ़ और लंबे मानसून ने फलों के बागानों और फसलों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा, इस घटनाक्रम ने निसंदेह मराठवाड़ा के किसानों का मनोबल तोड़ा है। शेट्टी ने यह भी आरोप लगाया कि किसानों को फसलों के नुकसान के लिए वाजिब मुआवजा नहीं मिला।

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