ममाता का नया फरमान रामायण और महाभारत सेलेब्स से हटाओ वरना कर दिए जाओगे बैन
जो लोग ममाता बनर्जी को आजतक सिर्फ सेक्युलर समझते रहे, मुस्लिम वोटों के लिए तुष्टिकरण की राजनीती करने वाली नेता समझते रहे
वो सभी लोग स्वयं को अब अपडेट कर लें तो बेहतर रहेगा, क्योंकि ममाता बनर्जी कोई सेक्युलर नेता नहीं है, ये कट्टर जिहादीन है चूँकि जो हरकत ममाता बनर्जी ने की है ऐसी हरकत औरंगजेब जैसे कट्टर जिहादी ही कर सकते है
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के 125 ऐसे स्कूलों को जो हिन्दू संगठनो द्वारा चलाये जा रहे है
उदाहरण के तौर पर आरएसएस द्वारा चलाया जा रहा सरस्वती शिशु मंदिर
ऐसे स्कूलों को ममाता बनर्जी सरकार ने निर्देश दिया है की, वो अपने सिलेबस में से फ़ौरन रामायण और महाभारत को हटा लें, क्योंकि राज्य सरकार इन स्कूलों में धार्मिक शिक्षा दी जा रही है इसे बर्दास्त नहीं करना चाहती, और ये खबर पश्चिम बंगाल के एक अखबार ने भी छापी है,
ममाता बनर्जी को ये बर्दास्त नहीं की, स्कूलों में बच्चों को महाभारत या रामायण पढ़ाया भी जाए
यहाँ हम आपको बता देना चाहते है की, पश्चिम बंगाल में माइनॉरिटी अफेयर्स एंड मदरसा एजुकेशन का भी एक अलग से मंत्रालय है, जिसकी मंत्री स्वयं ममाता बनर्जी है
ममाता बनर्जी को ये बर्दास्त नहीं हो रहा की, महाभारत और रामायण पढ़ाया जाए
पर इसी ममाता बनर्जी ने जो पश्चिम बंगाल की वित्तमंत्री भी है, इसी बजट में 2815 करोड़ रुपए मदरसा में कुरआन पढ़ाने के लिए दिए है
ममाता बनर्जी रामायण और महाभारत पर पाबन्दी चाहती है, पर कुरआन के लिए 2815 करोड़ दिए
इसके बाबजूद कोई अब भी ममाता बनर्जी को सेक्युलर नेता कहता है, कट्टर जिहादीन नहीं तो ये भी अपने आप में शर्मनाक है
और सबसे अधिक शर्मनाक तो ये है की ममाता बनर्जी जैसे नेताओं को लोग वोट भी दे रहे है, इतना अपमान अत्याचार सहने के बाद भी वोट दिए जा रहे है