मन की बात में PM मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा- सुरक्षाबलों ने आतंकियों को उन्‍हीं की भाषा में जवाब दिया है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (24 फरवरी) 53वीं बार अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं. मन की बात कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा, ‘आज का मन की बात कार्यक्रम बेहद खास होगा.’ पुलवामा हमले पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत-माता की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले देश के सभी वीर सपूतों को मैं नमन करता हूं. यह शहादत, आतंक को समूल नष्ट करने के लिए हमें लगातार प्रेरित करेगी. हमारे संकल्प को और मजबूत करेगी. पीएम मोदी ने कहा कि सुरक्षाबलों ने आतंकियों को उन्‍हीं की भाषा में जवाब दिया है. मन की बात में PM मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा- सुरक्षाबलों ने आतंकियों को उन्‍हीं की भाषा में जवाब दिया है

14 फरवरी को जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी पहली बार मन की बात कार्यक्रम कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात शुरू करते हुए आज मन भरा हुआ है. 10 दिन पहले, भारत-माता ने अपने वीर सपूतों को खो दिया. पुलवामा के आतंकी हमले में वीर जवानों की शहादत के बाद देश-भर में लोगों को और लोगों के मन में, आघात और आक्रोश है.

उन्‍होंने कहा कि देश के सामने आई इस चुनौती का सामना, हम सबको जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और अन्‍य सभी मतभेदों को भुलाकर करना है ताकि आतंक के खिलाफ हमारे कदम पहले से कहीं अधिक दृढ़ हों, सशक्त हों और निर्णायक हों. पीएम मोदी ने कहा कि वीर सैनिकों की शहादत के बाद मीडिया के माध्यम से उनके परिजनों की जो प्रेरणादायी बातें सामने आई हैं, उसने पूरे देश के हौसले को और बल दिया है.

उन्‍होंने कहा कि शहीदों के हर परिवार की कहानी प्रेरणा से भरी हुई हैं. मैं युवा-पीढ़ी से अनुरोध करूंगा कि वे इन परिवारों ने जो जज्‍बा दिखाया है, जो भावना दिखाई है उसको जानने और समझने का प्रयास करें.

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इतने लंबे समय तक हम सबको वार मेमोरियल का इंतजार था. मैंने निश्चय किया कि देश में एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिए. मुझे विश्वास है देशवासियों के लिए वार मेमोरियल जाना किसी तीर्थ स्थल जाने के जैसा होगा. वार मेमोरियल के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है.

वार मेमोरियल का डिजाइन, हमारे अमर सैनिकों के साहस को प्रदर्शित करता है. राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का आधार चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र. अक्टूबर 2018 में मुझे नेशनल पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला था. वह भी हमारे उस विचार का प्रतिबिम्ब था जिसके तहत हम मानते हैं कि देश को उन पुरुष, महिला पुलिसकर्मियों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए जो लगातार हमारी सुरक्षा में जुटे रहते हैं. 

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि आप राष्ट्रीय सैनिक स्मारक और नेशनल पुलिस मेमोरियल को देखने जरुर जाएंगे. आप जब भी जाएं वहां ली गई अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करें ताकि दूसरे लोग इस मेमोरियल को देखने के लिए उत्सुक हों. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में बिरसा मुंडा और जमशेदजी टाटा का भी जिक्र किया. उन्‍होंने कहा कि वर्ष 1900 में 3 मार्च को अंग्रेजों ने बिरसामुंडा को गिरफ्तार किया था. ये संयोग ही है कि 3 मार्च को ही जमशेदजीटाटा की जयंती भी है. दोनों को श्रद्धांजलि देने का एक प्रकार से झारखंड के गौरवशाली इतिहास और विरासत को नमन करने जैसा है.

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