मनी लॉन्ड्रिंग के तीन नए केस दर्ज, पूर्व सीएम आतिशी ने कसा भाजपा पर तंज

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने आप नेताओं पर फिर से जांच के मामले पर भाजपा को निशाने पर लिया है। आतिशी ने आप के आधिकारिक एक्स पर जानकारी देते हुए गुजरात उपचुनाव के नतीजों से जोड़ा है।

आम आदमी पार्टी के नेता एक बार फिर ईडी की रडार पर आ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली सरकार के कार्यकाल के दौरान सामने आए तीन बड़े कथित घोटालों में मनी लॉन्ड्रिंग के केस दर्ज कर लिए हैं। ये मामले अस्पताल निर्माण, सीसीटीवी परियोजना और शेल्टर होम से संबंधित हैं। ईडी ने इन मामलों में इन्फोर्समेंट केस इनफॉर्मेशन रिपोर्ट दर्ज की है और जल्द ही आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेजे जा सकते हैं।

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और आप नेता आतिशी ने ईडी के द्वारा आम आदमी पार्टी के नेताओं पर केस दर्ज करने पर कहा कि भाजपा ने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करना फिर शुरू कर दिया है।आतिशी ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। आप के नेताओं पर फर्जी मामले दर्ज करना शुरू कर दिया गया है। आगे लिखा कि यह सब गुजरात के विसावदर में आए चुनावी परिणाम की वजह से हो रहा है। यहां भाजपा के तमाम प्रयासों और हथकंडों के बाद भी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने भारी मतों से जीत हासिल की थी।
भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जांच एजेंसियों का ग़लत इस्तेमाल करना फिर से शुरू कर दिया है। AAP के नेताओं पर फ़र्ज़ी मामले दर्ज करना फिर शुरू कर दिया गया है।

पहला मामला 5,590 करोड़ रुपए के अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़ा हुआ है। इस घोटाले में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। साल 2018-19 में दिल्ली सरकार द्वारा 24 अस्पताल परियोजनाएं मंजूर की गई थीं। इन आईसीयू अस्पतालों को छह महीने में तैयार करना था, लेकिन तीन साल बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है। अब तक करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन सिर्फ 50 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है। इसके अलावा, एलएनजेपी अस्पताल की लागत 488 करोड़ से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

दूसरा मामला 571 करोड़ रुपए के सीसीटीवी घोटाले से जुड़ा है। 2019 में दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई थी। यह ठेका भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (भेल) को दिया गया, लेकिन परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई। भेल पर 17 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया, जिसे बाद में बिना किसी स्पष्ट कारण के माफ कर दिया गया था।

तीसरा मामला 207 करोड़ की गड़बड़ी का डीयूएसआईबी शेल्टर होम घोटाले से जुड़ा है। दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआईबी) से जुड़ी परियोजनाओं में भी गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।

आरोप है कि फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद के जरिये 207 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई। लॉकडाउन के दौरान कागजों में दिखाया गया कि 250 करोड़ रुपए का शेल्टर होम का काम ‘घोस्ट वर्कर्स’ के नाम पर दर्शाया गया। इन कर्मचारियों की सैलरी नेताओं तक कमीशन के रूप में पहुंचाने का आरोप है।

सूत्रों के अनुसार, इन सभी मामलों की जांच सीबीआई और एसीबी पहले से ही कर रही हैं और इन्हीं जांच एजेंसियों की एफआईआर के आधार पर ईडी ने अब मनी लॉन्ड्रिंग के केस दर्ज किए हैं। संभावना है कि जल्द ही आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं से पूछताछ शुरू हो सकती है।

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