मनीषा मौत मामला: सुसाइड नोट के लोकल पुलिस के दावे की सीबीआई नए सिरे से करा रही जांच

मनीषा मौत मामले की गुत्थी को अब करीब तीन माह होने जा रहे हैं, लेकिन सीबीआई को जांच अपने हाथ में लिए 63 दिन हो चुके हैं और मामला अब भी अनसुलझा है। लोकल पुलिस द्वारा बरामद बताए सुसाइड नोट को लेकर अब सीबीआई ने नए सिरे से जांच शुरू कर दी है।

सीबीआई यह पता लगाने में जुटी है कि यह सुसाइड नोट कब लिखा गया, क्या लिखावट वास्तव में मनीषा की ही है, और जिस पेन व कागज पर इसे लिखा गया, वे अब कहां हैं। इन बिंदुओं पर दिल्ली में मौजूद जांच अधिकारी विशेषज्ञों (एक्सपर्ट्स) से राय ले रहे हैं। वीरवार को मनीषा के पिता संजय की दिल्ली में सीबीआई अधिकारियों से फोन पर बातचीत हुई। अधिकारियों ने बताया कि सुसाइड नोट की लिखावट की जांच पर विशेषज्ञ की नई रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है, जो अभी लंबित है। वहीं, वीरवार को भी सीबीआई की टीम दिल्ली से भिवानी नहीं लौटी।

मनीषा के पिता का कहना है कि उनकी बेटी सुसाइड नहीं कर सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने मौत के आठ दिन बाद अचानक सुसाइड नोट पेश किया, जिस पर शुरू से ही संदेह बना हुआ है। अब सीबीआई भी इस दावे की सच्चाई की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। अनुमान है कि टीम को भिवानी आने में दो से तीन दिन और लग सकते हैं।

भले ही थम गया बवाल पर अब भी सुलग रहे कई सवाल
ढाणी लक्ष्मण निवासी 19 वर्षीय मनीषा की मौत पर भले ही सार्वजनिक विरोध थम गया हो, लेकिन कई सवाल अब भी अनुत्तरित हैं। मनीषा 11 अगस्त से लापता हुई थी और 13 अगस्त को सिंघानी नहर के पास उसका शव मिला था। घटना को अब लगभग तीन महीने हो चुके हैं। सीबीआई को जांच सौंपे जाने के बाद से 63 दिनों में कई गवाहों से पूछताछ हो चुकी है, और घटना स्थल की दोबारा जांच भी की जा चुकी है। इसके बावजूद मनीषा की मौत के हालात के लिए कई रहस्य बरकरार हैं। परिजनों के मन में उठे सवालों का जवाब न तो लोकल पुलिस दे पाई थी, और न ही अब तक सीबीआई के पास इनका ठोस समाधान है।

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