मध्यप्रदेश ठंड की चपेट में, पारा 3 डिग्री तक गिरा

मध्यप्रदेश में इस बार दिसंबर की शुरुआत से ही तेज ठंड का दौर बना हुआ है। हिमालयी क्षेत्रों में लगातार सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) और उत्तरी हिस्सों में जेट स्ट्रीम के असर के कारण प्रदेश में तापमान तेजी से गिर रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 13 दिसंबर से एक और नया सिस्टम बन रहा है, जिसकी वजह से अगले कई दिनों तक ठंडी और बर्फीली हवाएं लगातार बहेंगी। गुरुवार को भोपाल, इंदौर, राजगढ़, शाजापुर और सीहोर में शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है।

लगातार छठे दिन भी शीतलहर चली
बुधवार को भोपाल में लगातार छठे दिन भी शीतलहर चली। मलाजखंड में पारा 22.7 डिग्री तक पहुंचा, जबकि नरसिंहपुर, रीवा, सीधी, बैतूल और धार में तापमान 26 डिग्री के अंदर रहा। मंगलवार-बुधवार की रात कई शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज हुआ। इंदौर में पारा 5.4 डिग्री तक पहुंच गया, वहीं भोपाल में 6.8 डिग्री, ग्वालियर में 9.3 डिग्री, उज्जैन में 8.7 डिग्री और जबलपुर में 9.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

सीजन में पहली बार तापमान 3 डिग्री तक गिरा
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान शहडोल का कल्याणपुर रहा, जहां सीजन में पहली बार तापमान 3 डिग्री तक गिर गया। उमरिया का न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री रहा। पचमढ़ी और राजगढ़ में पारा 5.2 डिग्री दर्ज किया गया। रीवा में 5.8 डिग्री, मलाजखंड में 6.7 डिग्री, मंडला और नौगांव में 7 डिग्री, रायसेन में 7.4, छिंदवाड़ा में 7.8 और शिवपुरी में 8 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया।

सर्दी बढ़ने की मुख्य वजह
उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम का प्रभाव भी इस बार अधिक दिख रहा है। यह हवा लगभग 12 किलोमीटर की ऊंचाई पर 222 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही है। इसके सक्रिय होने से एमपी में तापमान और तेजी से गिर रहा है। पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवा के साथ जेट स्ट्रीम के जुड़ने से ठंड का असर दोगुना हो गया है। हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में समय से पहले हुई बर्फबारी ने भी ठंड की तीव्रता बढ़ाई है। हवा की दिशा उत्तरी होने से प्रदेश में शीतलहर की स्थिति लगातार बनी हुई है।

रिकॉर्ड तोड़ रही है सर्दी
भोपाल में इस बार नवंबर में 84 साल का रिकॉर्ड टूट चुका है। लगातार 15 दिन शीतलहर चली, जबकि एक रात तापमान 5.2 डिग्री तक जा पहुंचा। इंदौर में भी 25 साल में सबसे ज्यादा ठंड दर्ज हुई। दिसंबर में भी यह सिलसिला जारी है और कई शहरों में पिछले 10 साल के रिकॉर्ड टूट रहे हैं।मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक दिसंबर और जनवरी में प्रदेश में ठंडी हवाओं का असर सबसे ज्यादा रहता है। जनवरी में 20 से 22 दिन तक कोल्ड वेव चलने की संभावना है।

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