मणिपुर को सभी के लिए सुरक्षित और सशक्त राज्य बनाएं’- राष्ट्रपति मुर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को कहा कि वह जातीय हिंसा के कारण मणिपुर के लोगों के दर्द से अवगत हैं। आश्वासन दिया कि सरकार आपसी सद्भाव को बढ़ाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्य को दृढ़ता और साहस की धरती बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मणिपुर के लोगों ने खेल, रक्षा, कला-संस्कृति और लोकसेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देकर राष्ट्र को समृद्ध बनाया है। राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनका राज्य का पहला दौरा है।

एक नागरिक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे उस पीड़ा का आभास है, जिससे मणिपुर के लोग गुजरे हैं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहती हूं कि आपकी चिंताओं का समाधान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मई 2023 से लेकर अब तक मेइती और कुकी समुदायों के बीच हुए संघर्षों में कम से कम 260 लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए। राज्य में अभी राष्ट्रपति शासन लागू है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। भारत सरकार सद्भाव को मजबूत करने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और मणिपुर को स्थिरता और समृद्धि की राह पर आगे बढ़ने में सहयोग देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुर्मू ने कहा कि उन्होंने कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया है, जिससे मणिपुर के लोगों के जीवन में बदलाव होगा।

इससे पहले राष्ट्रपति ने 1,180 करोड़ रुपये की लागत वाली 14 परियोजनाओं की आधारशिला रखी और 207 करोड़ रुपये की लागत वाली 12 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय विकास, कृषि, बिजली, पेयजल, शिक्षा और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ये परियोजनाएं आधुनिक और समावेशी मणिपुर के निर्माण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है, उनमें पर्यटन, बिजली, पेयजल, सुरक्षा, प्रशासन और खेल सहित कई क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं से रोजगार सृजित होगा, बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

मणिपुर में तैनात सीआरपीएफ जवान की पदोन्नति की कुछ देर बाद ही मौत
राजस्थान के कोटपुतली-बहरोड़ जिले के गंडाला गांव निवासी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवान की पदोन्नति की कुछ देर बादही मौत हो गई।
मृतक जवान कर्मवीर यादव मणिपुर में इंफाल के रांगोली में तैनात थे। उनका निधन नौ दिसंबर को हुआ है। नौ दिसंबर की शाम को पदोन्नति हुई थी। वो कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बने थे। दस दिसंबर की शाम को उनके स्वजन को मौत की सूचना मिली है। इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट का संचालन नहीं होने के कारण गुरुवार शाम तक उनका शव उनके पैतृक गांव में नहीं पहुंच सका है। वह साल, 2007 में सीआरपीएफ में चालक के पदपर भर्ती हुए थे।

जानकारी के अनुसार नौ दिसंबर को ड्यूटी से लौटने के बाद वह भोजन करके अपने कमरे में विश्राम करने लगे थे। रात दस बजे साथी जवान ने उन्हें आवाज दी तो कोई जवाब नहीं मिला। इस पर साथी ने कमरे में अंदर जाकर देखा तो कर्मवीर बेहोशी की हालत में पड़े थे। उनको अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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