मंगलवार के दिन क्या करें और क्या नहीं? रखें इन बातों का विशेष ध्यान

मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी और मंगल ग्रह को समर्पित है, जिसे हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की विधिवत पूजा करने, सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। वहीं, मंगलवार के दिन (Mangalwar Rules And Tips) को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं, आइए जानते हैं।

हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन बेहद शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान हनुमान जी और मंगल ग्रह को समर्पित है। इस दिन सही नियमों का पालन करने से बजरंगबली की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के कष्ट, भय, रोग और कर्ज से मुक्ति मिलती है। वहीं, इस दिन (Mangalwar Ke Niyam) क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए, इसका विशेष ध्यान देना चाहिए। ताकि आने वाली मुश्किलों से बचा जा सके।

मंगलवार के दिन क्या करें? (Mangalwar Ko Kya Karen?)

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद हनुमान मंदिर जाएं या घर पर ही उनकी विधिवत पूजा करें।

उन्हें सिंदूर, चमेली का तेल, और लाल रंग के फूल अर्पित करें।

मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करना बहुत फलदायी माना जाता है। अगर समय न हो, तो कम से कम हनुमान चालीसा का सात बार पाठ जरूर करें।

बजरंगबली को बूंदी के लड्डू, गुड़ और चना व मालपुआ का भोग लगाएं।

लाल मसूर दाल, गुड़, गेहूं, या लाल वस्त्रों का दान किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को करें। इससे मंगल ग्रह मजबूत होता है।

अगर आप कर्ज या स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान हैं, तो मंगलवार का व्रत रखें।

मंगलवार के दिन क्या न करें? (Mangalwar Ko Kya Na Karen?)

इस दिन किसी को भी पैसा उधार न दें और न ही लें। माना जाता है कि मंगलवार को लिया गया कर्ज आसानी से नहीं चुकता और दिया गया धन वापस आने में परेशानी होती है।

मंगलवार को बाल या नाखून काटना और दाढ़ी बनाना अशुभ माना जाता है।

अगर आपने व्रत रखा है, तो इस दिन नमक का सेवन न करें।

इस दिन मांसाहार और मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें।

मंगलवार को पश्चिम, उत्तर और वायव्य कोण की यात्रा करना वर्जित माना जाता है। अगर जरूरी हो, तो यात्रा शुरू करने से पहले गुड़ खाकर निकलें।

इस दिन शृंगार का सामान नहीं खरीदना चाहिए।

पूजन मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः।।

ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।।

ॐ अंजनी सुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्।।

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।

हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।

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